इराक़ी शिया धर्मगुरु और राजनेता मुक़तदा सद्र के राजनीति छोड़ने के एलान के बाद बग़दाद और दक्षिणी इराक़ में भड़कने वाली हिंसा में अब तक सद्र के 23 समर्थकों समेत कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
इराक़ के प्रतिद्वंद्वी सशस्त्र गुटों के बीच सोमवार को शुरू हुई लड़ाई मंगलवार को भी जारी रही, जिसमें अब तक 32 लोगों के मारे जाने और कम से कम 750 लोगों के घायल होने की ख़बर है।
इराक़ी सुरक्षा बलों का कहना है कि बग़दाद के अति सुरक्षित क्षेत्र ग्रीन ज़ोन पर चार रॉकेट दाग़े गए हैं, जिससे आवासीय इलाक़ों को नुक़सान पहुंचा है।
पिछले साल अक्तूबर में हुए आम चुनावों में सबसे ज़्यादा सीटें हासिल करने के बाद सद्र सरकार का गठन करने में नाकाम रहे, जिसके बाद सोमवार को उन्होंने राजनीति से इस्तीफ़ा देने का एलान कर दिया।
सोमवार की रात बग़दाद और बसरा समेत कई इलाक़ों में सद्र के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किए, जिसके बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी।
इस बीच, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अल्बर्ट वुल्फ़ का कहना है कि सद्र ने राजनीति छोड़ने का एलान, दर असल राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से किया है।
उन्होंने कहाः मेरा मानना है कि वह इस मौजूदा राजनीतिक संकट में लाभ उठाने के लिए यह चाल रहे हैं।
पड़ोसी देश ईरान ने इराक़ से लगने वाले अपने बॉर्डर्स बंद कर दिए हैं और अपने नागरिकों से इराक़ यात्रा नहीं करने का आहवान किया है।
ग़ौरतलब है कि करोड़ो ईरानी और विदेशी नागरिक अरबईन के मौक़े पर इराक़ के पवित्र शहर कर्बला और नजफ़ की यात्रा करते हैं। इस साल अरबईन 16-17 सितम्बर को है।
ईरान ने अगली घोषणा तक इराक़ जाने वाली अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं।
एमिरेट्स एयरलाइन ने भी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र, बग़दाद को जाने वाली अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है।
इस बीच, ख़बर आ रही है कि मुक़तदा सद्र ने हिंसा और लड़ाई जारी रहने तक भूख हड़ताल करने का एलान किया है।
इराक़ी शिया धर्मगुरु ने राजनीति से अपने इस्तीफ़ा देने की घोषणा के बाद शुरू हुई हिंसा के लिए टीवी पर इराक़ी जनता से माफ़ी मांगते हुए कहा हैः अब यह कोई आंदोलन नहीं रहा है, क्योंकि अब यह शांतिपूर्ण नहीं रहा है।
नजफ़ में उन्होंने एक प्रेस कांफ़्रेंस को संबोधित करते हुए अपने समर्थकों से तुरंत रूप से संसद भवन से बाहर निकल जाने की मांग की है। msm