भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने केरल स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पीएफ़आई के कार्यालयों पर छापेमारी की है।
पीएफ़आई के कार्यकर्ताओं ने एनआईए की छापेमारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किए हैं।
ग़ौरतलब है कि पीएफ़आई अल्पसंख्यक मुसलमानों के अधिकारों के लिए काम करने वाला एक संगठन है, जिस पर चरमपंथी हिंदू संगठन कट्टरवादी संगठन होने का आरोप लगाते रहे हैं।
पीएफ़आई के कार्यालयों पर छापेमारी केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों में की गई है।
वहीं महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों से पीएफ़आई के 20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
छापों के बाद पीएफ़आई ने एक बयान जारी करके एनआईए और ईडी के देशव्यापी छापों और अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ़्तारी की आलोचना की है और इसे अन्यायपूर्ण बताया है।
पीएफ़आई का कहना है कि एनआईए के दावे सनसनीख़ेज़ हैं और इनका मक़सद दहशत का माहौल पैदा करना है।
एनआईए और ईडी ने बुधवार रात और गुरुवार सुबह देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित पीएफ़आई के दफ़्तरों पर एक साथ छापेमारी की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ इस छापेमारी के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से पीएफ़आई के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
पीटीआई ने एनआईए के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हिरासत में लिए गए लोगों पर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। msm