पार्सटुडे- तुर्किये के एक सांसद ने कुछ दिन पहले इस देश की संसद में सेटेलाइट से ली गयी तस्वीरों और जहाज़रानी से प्राप्त उन प्रमाणों को दिखाया था जिनसे सिद्ध होता है कि तुर्किये ने ज़ायोनी सरकार को तेल देकर उसकी मदद की है।
इंटरनेट पर तुर्किये के एक सांसद गर्गली ओग़लू के वायरल बयान के आधार पर तुर्किये अब भी ज़ायोनी सरकार को तेल की आपूर्ति करने का वाला एक अस्ली देश है।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार तुर्किये के सांसद गर्गली ओग़लू ने पिछले दिसंबर महीने में इस देश की संसद में कहा था कि हमारे जहाज़ अपने जीपीएस को बंद कर देते और ऐसा दिखाते थे कि वे इटली जाना चाहते हैं परंतु सेटेलाइट से ली गयी तस्वीरों की जब हमने समीक्षा व जांच पड़ताल की तो पता चला कि Nissos Delos और Seavigor नामक तेल से लदे जहाज़ अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की हैफ़ा और उश्दूद बंदरगाह की ओर गये।
इस बयान की वीडियो इस सप्ताह इंटरनेट पर वायरल हो गयी।
इससे पहले भी तुर्किये के Bureau of Statistics ने एक रिपोर्ट में बताया था कि तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान की सरकार इस्राईल द्वारा ग़ज़ा पट्टी पर पाश्विक हमलों के दौरान ज़ायोनी सरकार को हथियार बेच रही थी।
ज्ञात रहे कि तुर्किये पहला मुसलमान देश था जिसने ज़ायोनी सरकार को मान्यता दी थी और उसके साथ कूटनयिक संबंध स्थापित किया था।
तुर्किये और ज़ायोनी सरकार के द्विपक्षीय संबंध वर्ष 1949 में सामान्य हो गये और उसके बाद के वर्षों में यह संबंध सांस्कृतिक, व्यापारिक यहां तक सैनिक क्षेत्रों में भी विस्तृत हो गये।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान इसी प्रकार पहले मुसलमान नेता थे जिन्होंने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी सरकार की बुनियाद रखने वाले थ्यूडोर हर्त्ज़ल की क़ब्र का निरीक्षण किया था। MM