बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा सीट पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। जनता दल (यूनाइटेड) के दिग्गज उम्मीदवार और बाहुबली नेता अनंत सिंह को दुलारचंद यादव हत्याकांड के मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। शनिवार रात गिरफ्तार हुए सिंह को बेऊर जेल भेजा गया, जहां वे चुनाव प्रचार के बजाय सलाखों के पीछे रहेंगे। यह घटना विपक्ष को सरकार पर हमलावर बनाने का सुनहरा मौका दे गई है, जहां 'जंगल राज' की पुरानी बहस फिर गरमा रही है। 
 हत्याकांड का खौफनाक खुलासा: प्रचार के बीच गोलीबारी 30 अक्टूबर की दोपहर मोकामा के तारतर गांव के पास दुलारचंद यादव की क्रूर हत्या कर दी गई। वे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार प्रियदर्शी पीयूष के समर्थन में प्रचार कर रहे थे, जब दो गुटों के बीच गोलीबारी भड़क उठी। FIR के मुताबिक, अनंत सिंह ने खुद दुलारचंद को गोली मारी, जबकि उनके साथियों ने थार से शव को कुचल दिया। पुलिस ने इसे 'सोची-समझी साजिश' करार दिया है। पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया को बताया, "हत्या के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे। हम किसी आरोपी को नहीं छोड़ेंगे।" चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। 
परिवार का गुस्सा, सियासत का उबाल दुलारचंद के पोते नीरज ने अनंत सिंह के लिए 'मौत की सजा' की मांग की है, जबकि परिवार गिरफ्तारी से संतुष्ट दिख रहा है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इसे 'जंगल राज पार्ट 2' बताते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा। अनंत सिंह की गिरफ्तारी से JDU को मोकामा सीट पर झटका लगा है, जहां वे 'छोटे सरकार' की छवि के बावजूद विवादों से घिरे रहे। चुनाव आयोग ने मामले की निगरानी तेज कर दी है। यह हत्याकांड बिहार की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। क्या अनंत सिंह जेल से ही चुनाव लड़ेंगे, या JDU उम्मीदवार बदलेगी? सवाल बाकी हैं, लेकिन 'बाहुबली' का पतन सियासी समीकरण बदलने को बेताब है। 
✒️सज्जाद अली नायाणी