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Monday, 3 November 2025

ट्रंप का धमकी भरा ऐलान: 'पैसे नहीं दूंगा, न्यूयॉर्क को आर्थिक तबाही में धकेल दूंगा!' मामदानी की जीत पर फेडरल फंडिंग काटने की चेतावनी

ट्रंप का धमकी भरा ऐलान: 'पैसे नहीं दूंगा, न्यूयॉर्क को आर्थिक तबाही में धकेल दूंगा!' मामदानी की जीत पर फेडरल फंडिंग काटने की चेतावनी
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क सिटी की मेयर चुनावी जंग को नया मोड़ दे दिया है। डेमोक्रेट उम्मीदवार जोहरान मामदानी को 'कम्युनिस्ट' करार देते हुए ट्रंप ने शहरवासियों को खुलेआम धमकी दी है—अगर मामदानी जीत गए, तो फेडरल फंडिंग को न्यूनतम स्तर तक सीमित कर दूंगा! यह बयान ट्रंप का ट्रुथ सोशल पर सोमवार (3 अक्टूबर) को पोस्ट किया गया था, जो चुनाव से ठीक पहले शहर में भूचाल ला रहा है। ट्रंप ने न सिर्फ मामदानी को निशाना बनाया, बल्कि पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो को समर्थन देकर वोटरों पर दबाव बनाने की कोशिश की है। क्या यह 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का नया फॉर्मूला है—या फिर राजनीतिक ब्लैकमेल? 

ट्रंप का यह हमला किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं। उन्होंने लिखा, "अगर कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान मामदानी न्यूयॉर्क सिटी की मेयर चुनाव में जीत जाता है, तो मैं अपने प्रिय पहले घर (न्यूयॉर्क) के लिए फेडरल फंडिंग को घाटा पहुंचाने वाला बना दूंगा। सिर्फ न्यूनतम राशि तक सीमित!" ट्रंप का तर्क साफ है—मामदानी के नेतृत्व में शहर की सफलता और आर्थिक उछाल की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। 

"कम्युनिस्ट जिम्मेदारी संभालते ही हालात और बिगड़ जाएंगे, और राष्ट्रपति के तौर पर मैं टैक्सपेयर्स का पैसा ऐसे बर्बाद नहीं कर सकता। देश चलाना मेरी ड्यूटी है!" ट्रंप ने चेतावनी दी कि मामदानी की जीत से न्यूयॉर्क पूरी तरह आर्थिक और सामाजिक आपदा में डूब जाएगा—एक ऐसी तस्वीर जो शहर की चमकती स्काईलाइन को मंदी की छाया में बदल देगी। लेकिन ट्रंप का समर्थन किसे? पूर्व न्यूयॉर्क गवर्नर एंड्र्यू कुओमो को! ट्रंप ने कहा, "चाहे आपको एंड्र्यू कुओमो व्यक्तिगत रूप से पसंद हो या न हो, आपके पास कोई चॉइस नहीं है। आपको उन्हें ही वोट देना पड़ेगा, और उम्मीद है कि वे शानदार काम करेंगे। वे योग्य हैं, मामदानी नहीं।"

 कुओमो, जो स्कैंडल्स के बाद राजनीति से दूर थे, अब रिपब्लिकन उम्मीदवार को पीछे छोड़ते हुए ट्रंप के 'अनिच्छुक समर्थन' के केंद्र में हैं। ट्रंप ने मामदानी के सिद्धांतों पर तंज कसा—'उनकी परीक्षा सालों से हो रही है, लेकिन कभी सफल नहीं हुए। वे पढ़ाई में भी अच्छे नहीं थे, और दुनिया के सबसे महान शहर की पुरानी शान वापस ला ही नहीं सकते।' यह समर्थन ट्रंप की रणनीति का हिस्सा लगता है—डेमोक्रेट्स के बीच फूट डालकर मामदानी जैसे लेफ्ट-विंग उम्मीदवार को हराना। न्यूयॉर्क की यह चुनावी जंग अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुकी है। मामदानी, जो स्टेट असेंबली मेंबल और सोशलिस्ट हैं, ओपिनियन पोल्स में आगे चल रहे हैं। ट्रंप की धमकी पर मामदानी ने पलटवार किया—"ट्रंप हमारी कैंपेन से डर गए हैं!" विशेषज्ञों का कहना है कि फेडरल फंडिंग कटौती का असर शहर की सबवे, हाउसिंग और शिक्षा पर पड़ सकता है—एक ऐसा ब्लफ जो वोटर्स को डरा सकता है, लेकिन कानूनी चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है। ट्रंप का यह कदम अमेरिकी राजनीति की नई लकीर खींच रहा है—जहां राष्ट्रपति स्थानीय चुनावों में फंडिंग को हथियार बना रहे हैं।

 न्यूयॉर्कवासी अब दुविधा में हैं: कुओमो को वोट दें या अपनी विचारधारा पर अड़े रहें? मंगलवार (4 नवंबर) को होने वाले चुनाव के नतीजे न सिर्फ शहर, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक ध्रुवीकरण को परिभाषित करेंगे। क्या ट्रंप की 'धमकी' कामयाब होगी, या यह बैकफायर करेगी? नजरें टिकी हैं—क्योंकि न्यूयॉर्क कभी हार मानने वाला शहर नहीं रहा!