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Tuesday, 24 January 2023

रूस अब परमाणु युद्ध की धमकी क्यों दे रहा है?

रूस अब परमाणु युद्ध की धमकी क्यों दे रहा है?
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा के उप प्रमुख देमेत्री मेदवेदेव ने तीसरा विश्व युद्ध भड़कने के बारे में चेतावनी दी है।

सोमवार को यूक्रेन में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में मेदवेदेव ने कहाः रूसी फ़ेडरेशन के ख़िलाफ़ दुश्मनी की वजह से, दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के निकट पहुंच चुकी है।

उन्होंने कहा कि अगर हमें रूस के मद्देनज़र सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती है, तो असीमित तनाव जारी रहेगा, जिसके परिणाम दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध और परमाणु त्रासदी का दंश झेलना पड़ सकता है।

मेदवेदेव की रूस के खिलाफ़ शत्रुता बढ़ने के कारण, तीसरे विश्व युद्ध के ख़तरे के बारे में गंभीर चेतावनी पश्चिम द्वारा रूस को सुरक्षा गारंटी देने से इनकार करने के मौजूदा रुझानों के बाद सामने आई है।

रूस पश्चिमी जगत से यूक्रेन को नेटो में शामिल नहीं करने और अपनी सीमाओं से नेटो को दूर रखने की गारंटी चाहता है। यूक्रेन पर रूस के हमले का एक मुख्य कारण उसके नेटो में शामिल होने और रूस की सुरक्षा को ख़तरे में डालना बताया जा रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद मास्को पर पश्चिम के व्यापक प्रतिबंध और अत्यधिक दबाव ने इस युद्ध के दूसरे देशों तक फैलने के ख़तरे को बढ़ा दिया है, जिसकी तरफ़ रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने इशारा किया है।

हालांकि अमरीका और उसके यूरोपीय सहयोगियों का मानना है कि रूस पर दबाव में वृद्धि से वह उसे परमाणु प्रतिक्रिया से रोक सकते हैं। यही वजह है कि यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने वाला है, लेकिन यूक्रेन के समर्थक उसकी सैन्य सहायता में लगातार वृद्धि करते जा रहे हैं। यहां तक कि हाल ही में ब्रिटिश चैलेंजर-2 भारी टैंक और अमरीकी ब्रैडली बख्तरबंद वाहन जैसे हथियार यूक्रेन के लिए रवाना किए में ाला है, लेकिन यूक्रेन के समर्थक उसकी सैन्य सहायता में लगातार वृद्धि करते जा रहे हैं।  से रोक स रोका, तो हमगए हैं। इस बीच, वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन में पैट्रियट सहित विभिन्न प्रकार की वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती कर रहे हैं। यह सभी हथियार और सैन्य उपकरण युद्ध के संतुलन को यूक्रेन के पक्ष में बदलने के उद्देश्य से दिूक्रेन के पक्ष में्य उपकरणए जा रहे हैं।

अमरीका के नेतृत्व में पश्चिम का लक्ष्य यूक्रेन युद्ध में रूस को हराना है। यूक्रेन में मास्को के सैन्य अभियानों का ज़िक्र करते हुए मेदवेदेव ने 18 जनवरी को चेतावनी दी थी कि पारंपरिक युद्ध में परमाणु शक्ति की हार से परमाणु युद्ध भड़क सकता है। नेटो द्वारा यूक्रेनी सेना के समर्थन के बारे में एक टेलीग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा: परमाणु शक्तियां उन बड़े संघर्षों में कभी नहीं हारीं, जिन पर उनका भाग्य निर्भर करता है।