उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के नवीन मंडी स्थल में 29-30 दिसंबर की दरमियानी रात शाहेदीन नामक युवक की हत्या हुई. शाहेदीन पर आरोप है कि उन्होंने गौवंश के एक पशु को मारा था.
पुलिस ने गौवंश के पशु को मारने के आरोप में अदनान नाम के एक युवक को गिरफ़्तार कर लिया है.
लेकिन शाहेदीन की पीट-पीट कर हुई हत्या के मामले में घटना के चार दिन बाद तक भी कोई गिरफ़्तार नहीं हुआ है.
पुलिस ने शाहेदीन की हत्या के मामले में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के तहत मुक़दमा दर्ज किया है. ये क़त्ल के अपराध की धारा है.
मॉब लिंचिंग का मामला क्यों नहीं हुआ दर्ज?
इस मामले में पुलिस ने ‘मॉब लिंचिंग’ की धारा 103 (2) के तहत मुक़दमा दर्ज नहीं किया है.
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत ऐसे अपराध मॉब लिंचिंग परिभाषित हैं जिनमें पांच या उससे अधिक लोगों का समूह धर्म, लिंग, नस्ल, जाति या समुदाय, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समान आधार पर किसी व्यक्ति की हत्या करता है.
मॉब लिंचिंग की धारा के तहत भीड़ में शामिल सभी लोगों को उम्रक़ैद या मौत तक की सज़ा हो सकती है.
लेकिन पीट-पीट कर मारने की इस घटना में मुरादाबाद पुलिस ने ‘मॉब लिंचिंग’ का अपराध दर्ज नहीं किया है बल्कि अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का मुक़दमा दर्ज किया है.