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Monday, 31 March 2025

पाबंदियों के बीच संभल से मेरठ तक पढ़ी गई ईद की नमाज़

पाबंदियों के बीच संभल से मेरठ तक पढ़ी गई ईद की नमाज़
ईद के मौक़े पर उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज़ अदा करने पर पाबंदी लगाई गई थी.

उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों से ईद के दौरान नमाज़ को लेकर प्रशासन के कुछ फ़ैसले चर्चा का विषय बने थे. इन फ़ैसलों में सड़क पर नमाज़ न पढ़ने का फ़ैसले सबसे अहम बताया जा रहा था.

मेरठ पुलिस ने सड़क पर नमाज़ न पढ़ने का आदेश दिया था और अगर ऐसा हुआ तो पासपोर्ट रद्द करने की बात कही थी.

यूपी का संभल ज़िला पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा के बाद से लेकर अब तक सुर्खियों में बना हुआ है. यहां ईद के दौरान छत पर नमाज़ अदा न करने का आदेश दिया गया था.

लखनऊ में ऐशबाग ईदगाह पहुंचे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखि‍लेश यादव ने कहा कि उन्होंने कभी इतनी बैरिकेडिंग नहीं देखी.

उन्होंने दावा किया, "पुलिस ने मुझे यहां आने से रोका. बड़ी मुश्किल से मैं आ सका. किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था. यह तानाशाही है कि दूसरे धर्म के लोगों के त्योहार में शामिल न हो सका."

इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों को ईद-उल-फ़ितर की शुभकामनाएं दी थीं.

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, "ईद-उल-फ़ितर खुशी और मेल-मिलाप का संदेश लेकर आता है. ये त्योहार सामाजिक एकता को मज़बूत करने के साथ ही, आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है."

कुछ दिन पहले सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के फ़ैसले की आलोचना बीजेपी के सहयोग राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी ने की थी.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से अपील की थी कि वे सोमवार को वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक के विरोध में बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करें.
              फ़लस्तीन के पक्ष में पोस्टर

नमाज़ के बाद कुछ युवा हाथ में पोस्टर लिए दिखाई दिए. एक पोस्टर पर लिखा था- सड़कों पर सिर्फ़ मुस्लिम नमाज़ नहीं पढ़ते हैं. इसके आगे लिखा था- हिन्दू होली सड़कों पर मनाता है, शिवरात्रि सड़कों पर मनाई जाती है और कांवड़िए सड़क पर निकलते हैं.

इसके अलावा मेरठ ईदगाह में ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद कुछ युवाओं ने फ़लस्तीन के पक्ष में बैनर दिखाए.

रास्तों में बैरिकेट लगाए जाने से एक दो स्थान पर छिटपुट झड़पें भी हुईं लेकिन पुलिस ने शांतिपूर्वक नमाज़ियों को ईदगाह की ओर भेज दिया.

एससपी विपिन ताडा का कहना है, "हमने नमाज़ियों को अच्छी व्यवस्था मिले, इसके लिए धर्म गुरुओं से भी बात की थी. सभी का सहयोग मिला, नमाज़ सकुशल शांति पूर्वक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई."

जानकारी के मुताबिक़, मेरठ में क़रीब 164 ईदगाहों और 515 मस्जिदों में भी ईद की नमाज़ शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई.
संभल के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़ (काली टोपी में) नमाज़ अदा करते हुए.

पिछले साल से संभल लगातार चर्चा में बना हुआ है. नवंबर, 2024 में संभल की शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी.

26 मार्च को संभल की उपज़िलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने कहा था कि सड़क पर नमाज़ न पढ़ने के अलावा छतों पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति से पूर्व जांच कराई जाएगी. मस्जिद के आस-पास बिना जांच के नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाएगी.

इस पर संभल के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़ ने कहा था कि "छत पर नमाज़ पढ़ने से रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता. छत कोई सरकारी जगह नहीं है. एक व्यक्ति की विशेष जगह है."

संभल शहर में ईद की नमाज़ ईदगाह और शाही जामा मस्जिद में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई.

इस दौरान संभल के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़ भी नमाज़ अदा करने पहुंचे.

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "इस देश और प्रदेश में दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए. जब सड़क को बंद करके हिंदू समाज का त्योहार मनाया जा सकता है तो हमारी 10 मिनट की नमाज़ पर आपत्ति क्यों है?"

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वक़्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर नमाज़ अदा करने की अपील का थोड़ा बहुत असर संभल में दिखा.

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने नमाज़ के बाद कहा "ईद की नमाज़ को सकुशल शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराया गया.पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात थी. इसके अलावा ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही थी."