रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन यह युद्ध दिन-ब-दिन और भयावह होता जा रहा है। हाल ही में यूक्रेन द्वारा रूस पर किए गए घातक हमले और रूस के जवाबी हमले ने इस युद्ध को और खतरनाक बना दिया है। इस महायुद्ध की सबसे भयानक बात यह है कि यह तीन साल से लगातार जारी है। एक तरफ यूक्रेन रूस के अंदर सेंध लगाकर उसकी जमीन को हिला रहा है, तो दूसरी तरफ रूसी सेना लगातार यूक्रेन के शहरों पर कब्जा कर रही है।
पुतिन की सेना ने यूक्रेन के एक और शहर पर किया कब्जा
रविवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हमारी सेना ने यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में ज़ोरिया नामक शहर पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में अब तक रूसी सेना ने 1,12,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्झिया का बड़ा हिस्सा शामिल है। यह क्षेत्र यूक्रेन के कुल क्षेत्रफल का लगभग पांचवां हिस्सा है।
रूस यूक्रेन में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है
रूस की यह हालिया सैन्य सफलता कोई अचानक हुई घटना नहीं है। सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि रूस अब धीमी लेकिन स्थिर गति से पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। ज़ोरिया जैसे छोटे शहर पर कब्जा इसी रणनीति का हिस्सा है। यह क्षेत्र अवदीवका और चासिव यार के बीच स्थित है और दोनों पक्षों के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।
यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई सीमित साबित हुई
हालांकि, यूक्रेन को खेरसॉन और खारकीव जैसे क्षेत्रों में कुछ सफलता मिली थी, लेकिन 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत में उसकी जवाबी कार्रवाई सीमित साबित हुई है। रूस अब न केवल अपने कब्जे को बनाए रखने में सफल हो रहा है, बल्कि धीरे-धीरे इसका विस्तार भी कर रहा है।
दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एक बार फिर रूस की कार्रवाइयों की आलोचना की है, लेकिन जमीनी स्थिति यह दर्शाती है कि वर्तमान में रूसी सेना यूक्रेन में रणनीतिक रूप से आगे है।