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Saturday, 16 August 2025

कठुआ में बादल फटने से सात की मौत, भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही

कठुआ में बादल फटने से सात की मौत, भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई, जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। इस प्राकृतिक आपदा ने राजबाग के जोध घाटी गांव सहित कई क्षेत्रों को प्रभावित किया, जहां भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने कई घरों, एक स्कूल, रेलवे ट्रैक और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग को नुकसान पहुंचाया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रशासन को तत्काल राहत, बचाव और निकासी के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोध खड्ड, जुथाना और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान पर शोक जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना से बात कर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल राहत कार्यों में जुटे हैं। जोध घाटी गांव में सड़कें पूरी तरह बंद हो गई हैं, और कई घर मलबे में दब गए। उझ नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलाशयों से दूर रहने की अपील की है। बागड़, चांगडा और लखनपुर के दिलवान-हुटली क्षेत्रों में भी भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं, हालांकि वहां बड़े नुकसान की खबर नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण कार्यों के कारण हिमालयी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां विस्थापित परिवारों को भोजन और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जा रहा है।