कनाडा से भारतीय नागरिकों के जबरन डिपोर्टेशन के मामलों में पिछले कुछ वर्षों से जबरदस्त उछाल आया है। कैनेडियन बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (सीबीएसए) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जुलाई 2025 तक ही 1,891 भारतीय नागरिकों को कनाडा से बाहर किया गया है, जो 2019 के 625 मामलों से तीन गुना से अधिक है। 2024 में यह संख्या 1,997 तक पहुंची थी, और भारत अब डिपोर्टेशन सूची में मैक्सिको के बाद दूसरे स्थान पर है।
डिपोर्टेशन सूची में भारत दूसरे नंबर पर जुलाई 2025 तक कनाडा से सबसे अधिक 2,678 मैक्सिकन नागरिकों को डिपोर्ट किया गया, जबकि दूसरे स्थान पर भारत है। 2024 में कनाडाई प्रशासन ने भारत के 1,997, मैक्सिको के 3,683 और कोलंबिया के 981 लोगों को देशनिकाला किया था। सीबीएसए के अनुसार, फिलहाल 30,000 से अधिक डिपोर्टेशन केस पेंडिंग हैं, जिनमें से 6,837 भारतीय नागरिकों के हैं—यह सबसे बड़ी संख्या है। कुल 27,000 से ज्यादा केस शरणार्थी दावों से जुड़े हैं।
भारतीयों को क्यों डिपोर्ट किया जा रहा है? कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में कहा कि उनकी सरकार विदेशी अपराधियों को उनके देश वापस भेजने पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता कनाडा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अपराध, संगठित गिरोह, मानवाधिकार उल्लंघन और आपराधिक गतिविधियों से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी।" कार्नी सरकार ट्रैकिंग सिस्टम में सुधार, बेहतर संसाधनों का आवंटन और डिपोर्टेशन प्रक्रिया को तेज करने की योजना बना रही है। यह कनाडा की इमीग्रेशन सिस्टम में हो रहे व्यापक सुधारों का हिस्सा है। कार्नी ने टोरंटो में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से कहा कि कनाडा का इमीग्रेशन सिस्टम मजबूत रखना जरूरी है, लेकिन अपराधियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर जोर दिया, जो कनाडाई समाज की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
हालिया घटना: 450 पार्सलों की चोरी के आरोप में 8 भारतीयों की गिरफ्तारी पिछले महीने ही कनाडा पुलिस ने मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में मेल चोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया। 'प्रोजेक्ट अंडेलिवरेबल' के तहत अप्रैल 2025 में शुरू हुई जांच में 450 से ज्यादा चुराए गए पार्सल बरामद हुए, जिनकी कीमत 4 लाख कैनेडियन डॉलर (करीब 2.5 करोड़ रुपये) से अधिक बताई जा रही है। इनमें क्रेडिट कार्ड, चेक, सरकारी आईडी और गिफ्ट कार्ड शामिल थे। पीली रीजनल पुलिस ने 10 अक्टूबर को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि आठ भारतीय मूल के युवकों—सुमनप्रीत सिंह (28), गुरदीप चट्ठा (29), जशंदीप जट्टाना (23), हरमन सिंह, जसनप्रीत सिंह, मनरूप सिंह, रजबीर सिंह और उपिंदरजीत सिंह (सभी 21-29 वर्ष)—को गिरफ्तार किया गया है। इन पर कुल 344 आपराधिक आरोप लगे हैं, जिनमें मेल चोरी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, चुराई गई क्रेडिट कार्ड रखना और मादक पदार्थ रखना शामिल हैं। पुलिस ने कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के साथ मिलकर काम किया, और कुछ आरोपी विदेशी नागरिक होने के कारण डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
अमेरिका का मामला भी चिंताजनक अमेरिका में भी भारतीयों के डिपोर्टेशन की संख्या बढ़ रही है। यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) में 1,529 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया। कुल 2,70,000 से ज्यादा अप्रवासियों को 192 देशों भेजा गया, जो 2014 के बाद सबसे अधिक है। आईसीई के पास फिलहाल 1.5 मिलियन डिपोर्टेशन केस पेंडिंग हैं, जिनमें 17,940 भारतीय शामिल हैं। #### भारतीय प्रवासियों के लिए चेतावनी ये आंकड़े भारतीय प्रवासियों के लिए चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध प्रवास, वीजा उल्लंघन और अपराधी गतिविधियों के कारण यह संख्या बढ़ रही है। कनाडा और अमेरिका दोनों देशों में इमीग्रेशन नियम सख्त हो रहे हैं, इसलिए कानूनी तरीके से प्रवास ही सुरक्षित विकल्प है। भारतीय दूतावास ने भी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।