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Thursday, 16 October 2025

गुजरात मंत्रिमंडल में जातिगत संतुलन का संकट: OBC को किनारे लगाने से भाजपा में गहराएगा AAP का संकट, इटालिया की जीत ने जगाई नई बहस

गुजरात मंत्रिमंडल में जातिगत संतुलन का संकट: OBC को किनारे लगाने से भाजपा में गहराएगा AAP का संकट, इटालिया की जीत ने जगाई नई बहस
अहमदाबाद, 16 अक्टूबर 2025: गुजरात की सियासत में दीवाली से पहले एक राजनीतिक भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी 16 मंत्रियों ने गुरुवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया, जिससे मंत्रिमंडल विस्तार और बड़े फेरबदल की सड़क साफ हो गई। लेकिन इस बदलाव के पीछे छिपी सच्चाई जातिगत समीकरणों की उलझन है। आम आदमी पार्टी (AAP) के गोपाल इटालिया की जून 2025 में विसावदर विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत के बाद राज्य में OBC समुदायों की नाराजगी चुपचाप सुलग रही है। क्या यह फेरबदल OBC को किनारे कर भाजपा के लिए नया संकट खड़ा करेगा, या सब कुछ शांतिपूर्ण रहेगा? राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, आगे का रास्ता चुनौतीपूर्ण होगा। शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में सुबह 11:30 बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी उपस्थित रहेंगे। वर्तमान 17 सदस्यीय मंत्रिमंडल (मुख्यमंत्री सहित) को 22-23 सदस्यों तक बढ़ाया जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बदलाव सच्चे में समावेशी होगा या जातिगत पूर्वाग्रहों का शिकार बनेगा? 

 इटालिया की जीत: OBC असंतोष का संकेत, भाजपा पर सवालों का दौर जून 2025 में विसावदर उपचुनाव में AAP के गोपाल इटालिया ने भाजपा के किरीट पटेल को 17,554 वोटों से हरा दिया, जिससे सौराष्ट्र क्षेत्र में AAP की पकड़ मजबूत हुई। इटालिया, एक OBC नेता के रूप में, किसानों, बेरोजगार युवाओं और पिछड़े वर्गों की आवाज बनकर उभरे। यह जीत केवल एक सीट का मामला नहीं, बल्कि भाजपा के लिए चेतावनी है। सौराष्ट्र और आदिवासी इलाकों में AAP की बढ़ती पैठ OBC वोट बैंक पर सेंध लगा रही है, जहां भाजपा लंबे समय से हावी रही है। राज्य स्तर पर OBC समुदायों की नाराजगी चुपचाप बुलंद हो रही है। स्थानीय निकाय चुनावों और 2027 विधानसभा चुनावों से पहले, भाजपा पर आरोप लग रहे हैं कि वह OBC आरक्षण और प्रतिनिधित्व पर ध्यान नहीं दे रही। कांग्रेस और AAP दोनों ने इसे मुद्दा बनाया है, जबकि भाजपा सूत्रों का कहना है कि नया मंत्रिमंडल OBC को मजबूत करेगा। लेकिन यदि बदलाव में OBC को किनारे किया गया, तो भाजपा में आंतरिक कलह गहरा सकता है। विश्लेषक मानते हैं कि इटालिया जैसी जीतें भाजपा को जातिगत संतुलन पर मजबूर करेंगी, वरना साइलेंस ब्रोकन हो सकता है। 

 इस्तीफे की वजह: रणनीतिक फेरबदल या AAP को जवाब? यह सामूहिक इस्तीफा संकट का परिणाम नहीं, बल्कि भाजपा की सोची-समझी रणनीति है। नए राज्य अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा की नियुक्ति के बाद यह कदम लंबे समय से तय था। मंत्रिमंडल में युवा चेहरों, महिलाओं और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर दिया जा रहा है, खासकर सौराष्ट्र में जहां AAP की चुनौती बढ़ी है। मंत्रिमंडल का आकार बढ़ाकर जातिगत समीकरण साधे जाएंगे: पटेल (लेउवा-कडवा), OBC (थाकोर-कोली), SC/ST, ब्राह्मण और क्षत्रिय। लेकिन OBC प्रतिनिधित्व कम होने पर यह फेरबदल उल्टा पड़ सकता है। विपक्ष AAP ने इसे 'आंतरिक कलह' करार दिया, जबकि भाजपा इसे 'विकास इंजन को तेज करने' का कदम बता रही है। सीएम पटेल ने कहा, "नया मंत्रिमंडल गुजरात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।" 

पुराने मंत्रियों की विदाई: प्रदर्शन पर चाकू चलेगा वर्तमान मंत्रिमंडल में आठ कैबिनेट और आठ राज्य स्तर के मंत्री हैं। लगभग आधे को विदाई मिल सकती है। जो बने रह सकते हैं: | मंत्री का नाम | विभाग | कारण 

धर्मेंद्रसिंह जडेजा | गृह और कानून | मजबूत प्रदर्शन | | ऋषिकेश पटेल | स्वास्थ्य-शिक्षा | कुशल प्रबंधन | | मुकेश पटेल | ऊर्जा | परियोजनाओं में सफलता | | भूपेंद्रसिंह चूड़ासमा | पूर्व शिक्षा मंत्री | राजनीतिक अनुभव | जिन्हें बाहर का रास्ता दिख सकता है: | मंत्री का नाम | विभाग | कारण |

कनुभाई देसाई | वित्त | आलोचना का सामना | | राघवजी पटेल | कृषि | नीतियों पर सवाल | | कुंवरजी बावलिया | जल आपूर्ति | क्षेत्रीय असंतुलन | | मुरुभाई बेरा | पर्यटन | सीमित प्रभाव | हर्ष सांघवी जैसे राज्य मंत्रियों को कैबिनेट में प्रमोशन मिल सकता है। #### नए संभावित चेहरे: OBC और सौराष्ट्र पर फोकस, लेकिन संतुलन जरूरी फेरबदल का केंद्र बिंदु नए चेहरे हैं। भाजपा ने OBC, आदिवासी और सौराष्ट्र विधायकों पर नजर रखी है, ताकि AAP की चुनौती का मुकाबला हो। संभावित नाम: | नाम | क्षेत्र/समुदाय | संभावित भूमिका | 

 जीतू वाघानी | सौराष्ट्र/OBC | AAP को काउंटर | | कमलेश पटेल | आदिवासी | डिप्टी सीएम दौड़ | | मालती बेन किशोर माहेश्वरी | महिला/OBC | सामाजिक कल्याण | | चैतन्य झाला | युवा/उद्योग | रोजगार फोकस | | स्वरूप ठाकोर | सौराष्ट्र/ST | क्षेत्रीय संतुलन | | प्रवीण गोरधनजी माली | ग्रामीण/OBC | किसान हित | | जयेश राडडिया | सौराष्ट्र/Patidar | प्रमुख विभाग | | जितू वाघाणी | सौराष्ट्र | गृह विभाग संभावित | | अल्पेश ठाकोर | OBC (पूर्व कांग्रेस) | युवा OBC चेहरा | | हार्दिक पटेल | Patidar | युवा ऊर्जा | ये नाम पार्टी सर्वे पर आधारित हैं। OBC प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिश है, लेकिन यदि यह अपर्याप्त रहा तो भाजपा में असंतोष फूट सकता है। इसके अलावा, 6-7 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है। 

 आगे का रास्ता: संकट गहराएगा या भाजपा संभालेगी? यह फेरबदल विकास का वादा तो करता है, लेकिन OBC की अनदेखी से भाजपा का संकट गहरा सकता है। इटालिया की जीत ने साबित कर दिया कि पिछड़े वर्ग नाराज हैं। यदि नए मंत्रिमंडल में OBC को उचित स्थान न मिला, तो स्थानीय चुनावों में AAP को फायदा हो सकता है। भाजपा नेताओं का कहना है, "संतुलन बरता जाएगा," लेकिन विपक्ष चेतावनी दे रहा है: "OBC की आवाज दबाई नहीं जा सकती।" गुजरात की राजनीति में यह बदलाव एक नया मोड़ ला रहा है। क्या भाजपा जातिगत संतुलन साध पाएगी, या इटालिया जैसी जीतें सिलसिला बनेंगी? समय जवाब देगा, लेकिन फिलहाल सियासी हलचल चरम पर है।