कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्याग-पत्र में आज़ाद ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह क़दम उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी। आज़ाद ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।
आजाद पार्टी के ‘जी23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।
आजाद ने पार्टी के मौजूदा सलाहकार तंत्र को ध्वस्त करने के लिए पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की एक नई मंडली पार्टी के मामलों को चलाने लगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित पत्र में उन्होंने पार्टी से अपने जुड़ाव और इसके विभिन्न पदों पर दी गई अपनी सेवाओं के साथ विभिन्न घटनाक्रमों की जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और विशेष रूप से जनवरी, 2013 के बाद जब उन्हें आपके द्वारा उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, तो उनके द्वारा पहले मौजूद संपूर्ण परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया गया था। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की एक नई मंडली पार्टी के मामलों को चलाने लगी।
उधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने कांग्रेस से ग़ुलाम नबी आज़ाद के इस्तीफे को पार्टी के लिए एक बड़ा झटका करार देते हुए कहा एक इतनी पुरानी पार्टी का पतन देखना ‘दुखद’ और ‘खौफ़नाक’ है।
उन्होंने ट्वीट किया कि लंबे समय से ऐसी अटकलें थीं, कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है, शायद हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं, उनका इस्तीफा बेहद दुखद है। (AK)