इज़रायली चैनल 14 की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़ायोनी सैनिक उत्तरी ग़ज़ा से ऐसी हालत में निकले जब उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे और वे कह रहे थे कि अगर ग़ज़ा युद्ध में फिर से वापस लौटे, तो मौत उनका भाग्य बन जाएगी।
राय अल-यौम न्यूज़ वेबसाइट ने चैनल 14 के हवाले से लिखा हैः इज़रायली सैनिकों ने नेत्ज़ारिम क्षेत्र (उत्तरी ग़ज़ा) को छोड़ दिया है, जहां उन्हें उत्तरी इलाक़े को मध्य और दक्षिणी इलाक़े से अलग करने के लिए तैनात किया गया था। आंखों में आंसू लिए इज़रायली सैनिकों का कहना था कि उन्हें लगता है कि ग़ज़ा में एक साल से अधिक समय तक उन्होंने जो कुछ किया, उस सब पर पानी फिर गया।
इज़रायली सेना सोमवार को तड़के उत्तरी ग़ज़ा से बाहर निकल गई। ज़ायोनी शासन ने हमास आंदोलन के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को उत्तरी ग़ज़ा पट्टी में लौटने की अनुमति देने के बदले अर्बेल यहूद समेत 6 इज़रायली क़ैदियों को रिहा किया जाना था।
इस्लामी जेहाद आंदोलन की सैन्य शाख़ा अल-क़ुद्स ब्रिगेड ने सोमवार को एक वीडिया जारी किया जिसमें 29 वर्षीय अर्बेल यहूद को अपने परिवार के लिए संदेश भेजते हुए देखा जा सकता है, जिससे पता चलता है कि वह ज़िंदा हैं।
इस वीडियो फ़ुटेज में इज़रायली महिला सैनिक अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू से युद्ध विराम को जारी रखने की मांग करती हैं, ताकि समस्त बंधक अपने परिवारों में वापस लौट सकें।
इससे पहले नेतनयाहू ने उत्तरी ग़ज़ा में लाखों फ़िलिस्तीनियों की वापसी को अर्बेल यहूद की आज़ादी से सशर्त कर दिया था।
इज़रायली पीएम ने ग़ज़ा पर हमला करने से पहले हमास को नष्ट करने का दावा किया था और कहा था कि वह इज़रायली बंधकों को ताक़त के बल पर रिहा करवा लेंगे। लेकिन वह ऐसा करने में सफल नहीं हुए और हमास के साथ युद्ध विराम के लिए मजबूर हो गए।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि इज़रायल के प्रधानमंत्री अर्बेल यहूद की आज़ादी को प्राथमिकता देकर ग़ज़ा युद्ध में मिली हार के दबाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
ग़ज़ा युद्ध में हार के लिए नेतनयाहू की आलोचना करते हुए कैबिनेट से इस्तीफ़ा देने वाले कट्टरपंथी मंत्री इतमर बेन-ग्वेर ने कहा है कि इज़रायल द्वारा किए गए अपमानजनक समझौते के कारण हमास को राजनीतिक लाभ प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहाः पूर्ण विजय और ज़मीनी स्तर पर नतीजों के बीच और हमास को ख़त्म करने के दावा और ज़मीनी स्तर पर जो वास्तविकता दिख रही है, उसके बीच बहुत बड़ा अंतर है।
बेन-ग्वेर ने कहा कि कैबिनेट ने जो पूर्ण विजय का वादा किया था वह कहां है? हमास के विनाश का क्या हुआ?
मोसाद के युद्धबंदी और लापता व्यक्तियों के विभाग के पूर्व प्रमुख रामी इगरा ने भी एफ़एम 103 रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि इज़रायली सेना हमास को पराजित करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहाः यह स्पष्ट है कि इज़रायली सरकार ने हमास के ख़िलाफ़ युद्ध शुरू किया था, ताकि क़ैदियों को रिहा करवाया जा सके, लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें उसी शक्तिशाली हमास का सामना करन पड़ सकता है, जो 7 अक्टूबर से पहले मौजूद था।
इस इज़रायली अधिकारी ने ज़ायोनी शासन की हार के लिए नेतनयाहू को दोषी ठहराया और कहाः नेतनयाहू ने इज़रायल को 7 अक्टूबर के युद्ध से पहले की स्थिति में वापस ला दिया है। ग़ज़ा में हमास के शक्तिशाली नेतृत्व की बात करते हुए उन्होंने कहाः हमास अजेय है और ग़ज़ा पर उसका शासन बाक़ी रहेगा।
ग़ज़ा युद्ध में हार और युद्ध में ज़ायोनी अपराधों के परिणाम, ज़ायोनी सेना को परेशान कर रहे हैं। ग़ज़ा में युद्ध अपराध के आरोप के कारण, दुनिया भर के देशों में गिरफ्तारी से बचने के लिए दर्जनों इज़रायली सैनिकों ने फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया पर अपने एकाउंट डिलीट कर दिए हैं।
ब्रसेल्स स्थित ग़ैर सरकारी संगठन हिंद रजब फ़ाउंडेशन के नेतृत्व में फ़िलिस्तीनी अधिकार समूह ग़ाज़ा में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ ज़ायोनियों के युद्ध अपराधों से जुड़े सबूत इकट्ठा करने के लिए इज़रायली सेना के सोशल मीडिया एकाउंट्स और अन्य स्रोतों को खंगाल रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में, हिंद रजब फ़ाउंडेशन ने स्वीडन, ब्राज़ील और इटली में इज़रायली सैन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ़ अपराध और ग़ज़ा के निवासियों के नरंसहार के लिए मुक़दमे दायर किए थे। msm