दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट. सितंबर, 2024 तक यह दिल्ली सरकार में एक मंत्री की सीट थी. इसके बाद यह मुख्यमंत्री की सीट बन गई.
बीते तीन दशक में यह सीट भारतीय जनता पार्टी अकेले अपने दम पर सिर्फ़ एक बार (1993) जीत पाई है.
हालाँकि साल 2013 में शिरोमणि अकाली दल के नेता हरमीत सिंह कालका ने ये सीट बीजेपी के चुनाव चिह्न पर जीती थी.
कांग्रेस ने इस सीट को अतीत में तीन बार जीता लेकिन पिछले तीन चुनाव में पार्टी तीसरे नंबर पर रही है.
कालकाजी सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मौजूदा विधायक और उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने आतिशी के ख़िलाफ़ रमेश बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने यहाँ से महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अल्का लांबा को टिकट दिया है.
जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया और आतिशी मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि आम आदमी पार्टी यह बात बार-बार दोहरा रही है कि अगर चुनाव में जीत मिली तो मुख्यमंत्री केजरीवाल बनेंगे.
अल्का लांबा अपने प्रचार में आतिशी पर तंज कसते हुए उन्हें टीसीएम यानी टेंपरेरी सीएम कह रही हैं.
अल्का कहती हैं, "2003 में मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री मदन खुराना के सामने लड़ी थी. 20 साल बाद अब मुझे ऐसी ही चुनौती मिली है लेकिन ये (आतिशी) टीसीएम हैं यानी टेंपरेरी सीएम. मैंने सीएम सुना था, डिप्टी सीएम सुना था अब ये टीसीएम आ गईं."
रमेश बिधूड़ी भी इस मुद्दे को भुनाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. वह आतिशी को 'खड़ाऊ मुख्यमंत्री' बताते हुए इसे एक महिला का अपमान बता रहे हैं. महिला अपमान की बात करने वाले बिधूड़ी को बीते कुछ दिनों से इसी मुद्दे पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
रमेश बिधूड़ी कालकाजी के बगल में मौजूद तुगलकाबाद सीट से तीन बार विधायक रहे हैं.
सीएम आतिशी के ख़िलाफ़ लड़ने से ज़्यादा चर्चा रमेश बिधूड़ी के 'आपत्तिजनक' बयानों की हो रही है.
बिधूड़ी ने कालकाजी की एक चुनावी सभा में अच्छी सड़क बनाने का वादा किया और इस दौरान प्रियंका गांधी के बारे में विवादास्पद बात कही.
कुछ घंटों के बाद रमेश बिधूड़ी ने आतिशी के सरनेम बदलने वाली बात को उनके पिता से जोड़ दिया.
कालकाजी के गिरी नगर में रहने वाले 75 साल के प्रभात सिंह इस बयान की निंदा करते हुए चुनाव में इससे नुक़सान पहुँचने की बात कहते हैं.
प्रभात सिंह कहते हैं, "बिधूड़ी हों या कोई भी नेता हो, अगर कोई ग़लत बयानबाज़ी करता है तो चुनाव के दौर में उसे नुक़सान होता है. किसी दूसरे को नुक़सान नहीं होता है. बड़े-बूढ़े कहते हैं कि बहन-बेटी सबकी सांझी होती हैं. अगर मैंने किसी की बेटी के लिए कहा तो यह मैं अपनी बेटी के लिए कह रहा हूं. बिधूड़ी जी को भी यह सोचना चाहिए."
बिधूड़ी के बयान पर आतिशी आहत दिखीं और सोमवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान वे रो पड़ीं.
आतिशी ने कहा, "रमेश बिधूड़ी चुनाव के लिए इतनी घटिया हरकत करेंगे, मुझे इसका अंदाज़ा नहीं था. वह बुज़ुर्ग व्यक्ति को गालियां देने पर उतर आए हैं."