यमन की सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेन्सी ने ब्रिटिश और सऊदी अरब की खुफिया एजेंसियों के जासूसों की गिरफ्तारी के ऑपरेशन और उनके कबूलनामे का वीडियो जारी किया है।
यमन के सनआ शहर में एक सुरक्षा अभियान के दौरान गिरफ्तार किए गए कई जासूसों ने स्वीकार किया कि उन्होंने विभिन्न सुरक्षा, मीडिया और शैक्षिक क्षेत्रों और विभागों में घुसपैठ करके रिपोर्टें तैयार की और उन्हें सऊदी अरब में अपने कमांडरों तक पहुंचाया।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, यमन की सुरक्षा एजेन्सी ने एक बयान में यमन में हिरासत में लिए गए ब्रिटिश और सऊदी जासूसों के कबूलनामे का ज़िक्र करते हुए विदेशी खुफिया एजेंसियों के आक्रामक प्रयासों की नाकामी की घोषणा की और ज़ोर दिया: उन सभी लोगों को जिन्होंने दुश्मन के साथ सहयोग किया है और देश से ग़द्दारी की उन्हें देश की न्याय व्यवस्था के सामने आत्मसमर्पण कर देना चाहिए।
यमन की ख़ुफ़िया एजेन्सी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ में ब्रिटिश और सऊदी अधिकारियों द्वारा भर्ती किए गये जासूसों के क़बूलनामे से पता चलता है कि जासूसों की भर्ती और उनके मूल्यांकन और तकनीकी परीक्षण पास कर लेने के बाद उन्हें कंट्रोल और पोज़ीशन से सही तरीक़े से फ़ायदा उठाने व जानकारी इकट्ठा का तरीक़ा सिखाया गया।
यमन की सुरक्षा एजेन्सी का कहना था कि जासूसों को मिशन और खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जासूसी कार्यक्रमों और उपकरणों व टेक्नालाजीज़ का उपयोग करने के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया था और उन्हें यमन वापस आने के बाद यह सारे उपकरण और संसाधन दिए गये।
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय ने भी एक बयान में कहा कि जासूस की भर्ती में भाग लेने वाले देशों को यमनी जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने की बाबत चेतावनी दी है। (AK)