फ़िलिस्तीनी जनता के समर्थन में यमनियों द्वारा फ़िलिस्तीन के मक़बूज़ा क्षेत्रों पर दाग़े गए रॉकेटों और मीज़ाइलों ने मक़बूज़ा ज़मीनों पर तैनात अमेरिकी THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम की नाकामी को साबित कर दिया है।
जब इस्लामी गणतंत्र ईरान ने अपनी संप्रभुता के उल्लंघन के ख़िलाफ संयम की सारी सीमाओं के पार होने के बाद, और साथ ही शहीद "इस्माईल हनिया", "सैयद हसन नसरुल्लाह", मेजर जनरल "सैयद अब्बास नीलफ़ुरूशान" की हत्या और ज़ायोनी शासन द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान की निर्दोष महिलाओं और बच्चों के क़त्लेआम के ख़िलाफ़, आत्म रक्षा पर आधारित संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर पर अमल करते हुए 1 अक्टूबर, 2024 को "वादए सादिक़ 2" ऑपरेशन में सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों से मक़बूज़ा क्षेत्रों को निशाना बनाया गया जिसके बाद ज़ायोनी शासन के डिफ़ेंस सिस्टम की नाकामियां सिद्ध हो गई थी। आईआरजीसी की मिसाइलों ने ज़ायोनी शासन के सुरक्षा और खुफिया लक्ष्यों को निशाना बनाया और 90 प्रतिशत हमला सफलतापूर्वक लक्ष्यों पर किया गया।
ईरान के वादए सादिक़- 2 ऑपरेशन के बाद, अमेरिका ने ज़ायोनियों का समर्थन करते हुए मक़बूज़ा क्षेत्रों में THAAD सिस्टम तैनात कर दिए जबकि ज़ायोनियों और उनके मीडिया चैनल्ज़ ने मक़बूज़ा क्षेत्रों में अमेरिकी "थॉड" सिस्टम की स्थापना के लिए व्यापक प्रचार किया और व्यवहार में इस सिस्टम की नाकामी साबित करने के लिए "फिलिस्तीन 2" नामक यमनी बैलिस्टिक मिसाइल ने तेल अवीव को निशाना बनाया।
पार्सटुडे के इस लेख में आप अमेरिकी थॉड मिसाइल सिस्टम की विशेषताओं के बारे में पढ़ेंगे:
"थॉड" टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (Terminal High Altitude Area Defense) मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम अमेरिका द्वारा बनाया गया है और इसे युद्ध क्षेत्रों, महत्वपूर्ण जनसंख्या केंद्रों और संवेदनशील बुनियादी सुविधाओं में तैनात बलों को कम दूरी, मध्यम दूरी और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इतिहास
अमेरिकी कांग्रेस ने 1991 में राष्ट्रीय मिसाइल डिफ़ेंस अधिनियम पारित किया। इस कानून के अनुसार, अमेरिका को 90 के दशक के मध्य तक एक ऐसी रक्षा प्रणाली हासिल करनी चाहिए जिसका उपयोग आपातकालीन स्थितियों और संभावित आप्रेशन्ज़ में किया जा सके।
1992 में, अमेरिकी सेना ने 689 मिलियन डॉलर के समझौते से लॉकहीड मार्टिन को परियोजना के लिए मुख्य ठेकेदार के रूप में चुना, जिसे शुरू में थिएटर हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (Theater High Altitude Area Defense) नाम दिया गया था।
परियोजना का पहला चरण 1995 में इस प्रणाली के पहले उड़ान परीक्षण के साथ शुरू हुआ और 1999 तक जारी रहा। इन परीक्षणों से प्राप्त परिणाम बहुत मूल्यवान और अहम थे और उनका उपयोग करके थॉड मिसाइल को फिर से डिज़ाइन किया गया।
परियोजना का दूसरा चरण योजना के अनुसार 2000 में शुरू हुआ, और अंततः 2008 में, अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर पहली थॉड फ़ायर यूनिट का इस्तेमाल शुरु किया। परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत से लेकर 2013 तक, इस सिस्टम ने बिना किसी नाकामी के 12 सफल परीक्षण पास किए।
ढांचा
थॉड के 4 मुख्य हिस्से हैं जिनमें "रडार", "वॉर मैनेज सेन्टर, कमांड, कंट्रोल, संचार और सूचना", "लॉन्चर" और "इंटरसेप्टर मिसाइल" शामिल हैं।
राडार
थॉड सिस्टम, दुनिया के रडारों के सबसे उन्नत रडारों में से एक है। यह रडार 1000 किमी की दूरी पर लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैक करने की क्षमता रखता है।
लांचर
हर THAAD गाड़ी में 8 मिसाइलें होती हैं और यह 30 मिनट से भी कम समय में फ़ायर होने के लिए तैयार हो सकता है। रीलोडिंग भी 30 मिनट से भी कम समय में हो जाती है।
इंटरसेप्टर मिसाइल
थॉड इंटरसेप्टर मिसाइल 6.17 मीटर लंबी, 37 सेमी इसका व्यास, 900 किलोग्राम वज़नी और 200 किमी इसकी रेंज है और इसकी डिज़ाइनिंग में एक इंजन, अगल करने वाला मोटर और वारहेड शामिल हैं। इंटरसेप्टर इंजन एक ठोस ईंधन से चलने वाला रॉकेट मोटर है जो रॉकेट को मैक 8.24 तक गति प्रदान करता है।
किन देशों के पास है
अमेरिका के अलावा, जो THAAD मिसाइल रक्षा प्रणाली का निर्माता है, संयुक्त अरब इमारात, सऊदी अरब और ज़ायोनी शासन के पास भी यह सिस्टम है। (AK)