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Wednesday, 8 January 2025

इज़राइल के युद्ध मंत्रालय में दहशत, दुनिया में ज़ायोनी सैनिकों के ख़िलाफ़ मुक़दमे

इज़राइल के युद्ध मंत्रालय में दहशत, दुनिया में ज़ायोनी सैनिकों के ख़िलाफ़ मुक़दमे
एक इज़राइली सैनिक की तस्वीर जिस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायिक संस्थानों द्वारा मुकदमा चलाया जा रहा है

ब्राज़ील से एक ज़ायोनी सैनिक के भागने और दुनिया के कम से कम 10 देशों में कई शिकायतें दर्ज होने के बाद, ज़ायोनी सैनिकों की विदेश यात्रा और सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है।

दुनिया के कई देशों में ज़ायोनी सैनिकों की गिरफ़्तारी को लेकर ज़ायोनी अधिकारियों की बढ़ती चिंता के बीच, इस शासन के सुरक्षा सूत्रों ने इस संबंध में चेतावनी दी है।

ज़ायोनी रेडियो और टेलीविज़न ने बताया कि इज़राइली सैनिकों के ख़िलाफ़ दुनिया के 10 देशों में 50 शिकायतें दर्ज की गई हैं।

पार्सटुडे के अनुसार, इज़राइली अख़बार हारेत्ज़ ने बताया कि इज़राइल की संबधित संस्थाएं उन सैनिकों की मदद करने की तैयारी कर रही हैं जिन्हें ग़ज़ा में युद्ध अपराधों में शामिल होने की वजह से विदेश यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया जा सकता है या उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ज़ायोनी सैनिकों को सूचित किया गया है कि वे अपनी विदेश यात्राओं का जाएज़ा लें और साथ ही, सोशल मीडिया का कम इस्तेमाल करें।

इज़राइली सेना की सूचना सुरक्षा यूनिट का अनुमान है कि सैनिक हर दिन सोशल मीडिया पर लगभग दस लाख पोस्ट्स करते हैं।

इस संबंध में अल-मयादीन चैनल ने ज़ायोनी मीडिया का हवाला देते हुए बताया कि इस शासन के चार सैनिकों को कथित तौर पर युद्ध अपराध करने के लिए दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, ब्राजील और फ्रांस में जांच पड़ताल का सामना करना पड़ा था।

ब्राज़ील की एक अदालत ने देश की पुलिस को उस एक इज़राइली सैनिक की जांच करने का आदेश दिया जिसने ग़ज़ा में युद्ध अपराध करने के आरोपों के बाद इस देश की यात्रा की थी।

यह इज़राइली सैनिक, जो अभी-अभी अपनी सेवा समाप्त करके छुट्टियां मनाने ब्राज़ील गया था, ब्राज़ीलियाई अदालत का फ़ैसला आने के बाद ही वहां से फ़रार हो गया। इस घटना से मक़बूज़ा जमीनों पर चिंताएं बढ़ गई हैं।

नेसेट की विदेशी मामलों और सुरक्षा समिति के प्रमुख यूली एडेलस्टीन ने कैबिनेट से अपने सैनिकों को मुक़द्दमों से बचाने के लिए उपाय करने की अपील की है।

विपक्ष के नेता याइर लैपिड ने भी नेतन्याहू की कैबिनेट पर विश्व क्षेत्र में विफलता का आरोप लगाया और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक जांच समिति के गठन की मांग की है।

लैपिड ने कहा: ग़ज़ा में युद्ध के आरोप में अपनी गिरफ्तारी को रोकने के लिए इजराइली सैनिक को ब्राज़ील से भागने पर मजबूर किया जाना ग़ैर-जिम्मेदार कैबिनेट के लिए एक बड़ी राजनीतिक विफलता है।

हम ऐसे हालात में पहुंच चुके हैं जहां फ़िलिस्तीनी, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में इज़राइल से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और हमारे सैनिक गिरफ्तार होने के डर से यात्रा करने से भाग रहे हैं।

इस बीच चिली में मौजूद एक ज़ायोनी सैनिक को 620 वकीलों की तरफ़ से जांच पड़ताल का सामना करना पड़ा है।

चिली के 620 वकीलों के एक ग्रुप ने हाल ही में ज़ायोनी सेना की 749वीं ब्रिगेड के इज़राइली सैनिक सर हिर्शुरिन के ख़िलाफ मुक़दमा दायर किया है जिस पर ग़ज़ा के खिलाफ युद्ध में इंसानियत के खिलाफ अपराध करने का आरोप है और वह वर्तमान समय में चिली में रह रहा है।

वकीलों के इस ग्रुप के प्रतिनिधि नेल्सन हद्दाद ने राजधानी के क्षेत्रीय एटार्नी जनरल के कार्यालय को सौंपी गई शिकायत का विवरण देते हुए कहा: हम क़ब्ज़ि सेना की 749वीं इंजीनियरिंग इकाई के एक अधिकारी की चिली में उपस्थिति पर अपना रोष व्यक्त करते हैं।

हमने जो सबूत जमा किए हैं, उनके अनुसार, जिसमें ग़ज़ा के अल-ज़ैतुन क्षेत्र में रहने वाले एक पीड़ित और पीड़ितों के रिश्तेदारों और सगे संबंधियों की गवाही भी शामिल है जहां इस सैनिक ने गंभीर अपराध किए हैं।

अक्टूबर 2024 में, "हिन्द रजब" फाउंडेशन ने ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ युद्ध अपराधों के लिए 1000 इज़राइली सैनिकों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में आधिकारिक शिकायत दर्ज की।

बेल्जियम स्थित इस फाउंडेशन का नाम छह साल की उस फ़िलिस्तीनी बच्ची के नाम पर रखा गया है, जो ग़ज़ा पर इज़राइल के हमलों में अपने परिवार के साथ शहीद हो गई थी।

यह ग्रुप चिली और अर्जेंटीना सहित दुनिया भर में ज़ायोनी सैनिकों के खिलाफ युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए कानूनी मामलों पर काम करता है।

इसके अलावा, फ्रांसीसी सांसद थॉमस पोर्ट्स ने ग़ज़ा में मानवता के खिलाफ अपराधों और युद्ध अपराधों में कथित रूप से शामिल होने के लिए ज़ायोनी सेना में शामिल 4185 फ्रांसीसी सैनिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। बताया जाता है कि 4000 से अधिक फ्रांसीसी नागरिक इजराइली सेना में लड़ रहे हैं क्योंकि उनके पास दोहरी नागरिकता है।

दूसरी ओर डच अधिकारियों को पेश की गई शिकायत युद्ध अपराधों, मानवता के ख़िलाफ अपराधों और संभावित नरसंहार से संबंधित आरोपों की एक पूरी सूची प्रदान की गयी और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनी मानकों के साथ जवाबदेही और अनुपालन की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है।

एक डच वकील हारुन रेज़ा ने भी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में एक आपराधिक शिकायत दर्ज की

 "आईसीसी" ने 1000 ज़ायोनी सैनिकों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराधों में शामिल होने के आरोप में मुक़दमा दायर किया है।

इस तथ्य के बावजूद है कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के न्यायाधीशों ने पहले ही युद्ध अपराधों और ग़जा में नागरिकों और फिलिस्तीनियों की हत्या के आरोप में प्रधानमंत्री बेन्यामीन नेतन्याहू और इज़राइल के पूर्व युद्धमंत्री योव गैलेंट की गिरफ्तारी का आदेश दिया है।

इसीलिए उम्मीद की जा सकती है कि ज़ायोनी सैनिकों के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में अदालती मामले तलाश किए जायेंगे। (AK)