अमित जगजीत प्रसाद गुप्ता (बाएं) के परिवार का कहना है कि उन्हें एक जनवरी को क़तर की राजधानी दोहा में हिरासत में ले लिया गया
हर सप्ताह जेपी गुप्ता का दिल तब बैठ जाता है जब फ़ोन पर वह अपने बेटे को रोते हुए सुनते हैं.
इसकी शुरुआत बीती जनवरी में तब हुई जब एक टेक्नॉलॉजी कंपनी में सीनियर अधिकारी अमित गुप्ता को ऐसे आरोपों में हिरासत में ले लिया गया, जिन्हें अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
लगभग तीन महीने हो गए हैं और भारत में रह रहे उनके परिवार का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि किस अपराध में उन्हें गिरफ़्तार किया गया है.
उनके पिता ने कहा, "उन्हें सप्ताह में एक बार महज पांच मिनट के लिए बात करने की इजाज़त दी जाती है. मेरा बेटा सिर्फ ये कहता है कि डैड मैंने कुछ भी ग़लत नहीं किया और फिर रोने लगता है."
अमित गुप्ता कुवैत और क़तर में भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनी टेक महिंद्रा कंपनी के कंट्री हेड हैं. साल 2013 में काम के सिलसिले में वह क़तर की राजधानी दोहा शिफ़्ट हो गए थे.
उनके पिता ने बताया, '' बिना कोई कारण बताए क़तर के स्टेट सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने उन्हें एक जनवरी को उनके ऑफ़िस के पास एक रेस्तरां से उठा लिया था.''
इससे पहले कंपनी के प्रवक्ता ने कहा था कि वे परिवार से संपर्क में हैं और उन्हें 'ज़रूरी मदद' मुहैया करा रहे हैं.
कंपनी ने कहा, "हम दोनों देशों के अधिकारियोंं से सक्रिय तौर पर को-ऑर्डिनेट कर रहे हैं. हम जो जरूरी प्रक्रिया है उसका पालन कर रहे हैं. हमारे सहकर्मी की बेहतरी सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है."