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यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Thursday, 10 April 2025

पश्चिमी विशेषज्ञों की अमरीका को चेतावनीः यमन की ताक़त को कम करके आंकना बहुत बड़ी भूल होगी

पश्चिमी विशेषज्ञों की अमरीका को चेतावनीः यमन की ताक़त को कम करके आंकना बहुत बड़ी भूल होगी
यूरोपीय न्यूज़ एजेंसी ने एक विशेषज्ञ के हवाले से लिखाः यह अमरीकी सेना के लिए एक चेतावनी है, यमनी कई साल से भीषण हवाई हमलों के ख़िलाफ़ संघर्ष करते रहे हैं, उन्हें कम करके नहीं आंका जा सकता है।

हालिया दिनों में अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने लाल सागर में स्वतंत्र रूप से जहाज़ों की आवाजाही के बहाने अमरीकी सेना को यमन पर हमला करने का आदेश दिया है। उसके बाद से अमरीका ने यमन में कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए हैं, जिसमें दर्जनों आम नागरिक शहीद और ज़ख़्मी हो गए हैं। लेकिन इन हमलों का यमनियों के जज़्बे और साहस पर कोई असर नहीं हुआ है। इसी वजह से पश्चिमी विशेषज्ञों ने यमन से टकराने के लिए अमरीका को चेतावनी दी है।

एएफ़पी समाचार एजेंसी ने विशेषज्ञों के हवाले से लिखाः यह अमेरिकी सेना के लिए एक चेतावनी है। यमनियों ने कई वर्षों तक कठिन परिस्थितियों में और हज़ारों हवाई हमलों के बीच लड़ाई लड़ी है, उन्हें कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।

यूरोपीय समाचार एजेंसी के अनुसार, यमन के खिलाफ भीषण अमेरिकी हवाई हमलों के बावजूद, यमनी सशस्त्र बल मज़बूत बने हुए हैं।

एएफ़पी ने आगे लिखाः यमन के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों पर नियंत्रण रखने वाले यमनियों को सऊदी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन द्वारा एक दशक के युद्ध के दौरान अच्छी तरह से हथियार मुहैया कराए गए हैं। ग़ज़ा युद्ध शुरू होने से पहले, वे सऊदी अरब के साथ शांति वार्ता कर रहे थे।

यमन की सशस्त्र सेनाओं से निपटने में अमेरिकी सेना के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के गिर्टन कॉलेज की निदेशक एलिज़ाबेथ केंडल ने यूरोपीय समाचार एजेंसी से कहाः अमेरिका को यमनियों को कम नहीं आंकना चाहिए। वे लचीले और शक्तिशाली योद्धा हैं। वे आसानी से पराजित नहीं होंगे।

यमन पर हालिया अमेरिकी हमलों में बच्चों सहित 53 लोग शहीद हुए हैं और 98 घायल हुए हैं। अंसारुल्लाह आंदोलन की अलोकप्रियता के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के दावों के बावजूद, हज़ारों यमनियों ने अमेरिकी हमलों की निंदा में सोमवार को विरोध रैलियां आयोजित कीं।

युद्ध में यमनी सशस्त्र बलों का अनुभव

केंडल के अनुसार, 2014 में पश्चिमी देशों के समर्थन से सऊदी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने युद्ध की शुरुआत के बाद से, यमन पर 25,000 से अधिक हवाई हमले किए, इसके बावजूद यमनी बल गठबंधन सेना को पराजित करने में सक्षम रहे।

ग़ज़ा युद्ध की शुरुआत और ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के लिए अंसारुल्लाह के समर्थन के बाद से, यमन भी अमेरिका, ब्रिटेन और इज़रायल द्वारा बड़े पैमाने पर हवाई हमलों का सामना कर रहा है, फिर भी इन ख़तरों का सामना करते हुए मज़बूत होकर उभरने में कामयाब रहा है।

यमनी हथियारों के बारे में जानकारी हासिल करने में पश्चिम की असमर्थता

पश्चिमी विशेषज्ञों के अनुसार, यमनी सशस्त्र बलों की लचीलेपन के अलावा, उनके हथियार, दुश्मनों के लिए एक गंभीर चुनौती हैं।

अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक के विशेषज्ञ एलेक्स प्लीस्टास ने एएफ़पी को बतायाः यमनी हथियारों का पता लगाना और उन्हें नष्ट करना बहुत कठिन है, जिसमें उनके मोबाइल रॉकेट लांचर भी शामिल हैं। यमनियों का लचीलापन, यमन के बीहड़ इलाकों में अपने हथियारों को फैलाने की उनकी क्षमता से उपजा है, जिसके कारण उनके हथियारों को निशाना बनाना कठिन हो गया है।

उन्होंने कहाः ख़ुफ़िया सूत्रों ने भले ही दावा किया हो कि इज़रायली हमलों के बाद हमास और हिज़्बुल्लाह कमज़ोर हो गए हैं, लेकिन हूती अछूते हैं।

दुश्मन जहाज़ों के ख़िलाफ़ यमनी हमलों की प्रभावशीलता

एएफ़पी ने भी यमनी सशस्त्र बलों के हमलों के तरीक़े की प्रशंसा करते हुए लिखाः यमनी हमले ड्रोन और घरेलू मिसाइलों का उपयोग करके किए जाते हैं, जो बहुत सरल लेकिन प्रभावी हैं। 2022 की तरह, यमनियों के पास सऊदी अरब सहित अन्य देशों में तेल सुविधाओं पर हमला करने की भी क्षमता है।

2024 में, संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि यमनी सशस्त्र बल एक शक्तिशाली सैन्य संगठन है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यमन के सशस्त्र बलों की संख्या 3 लाख 50 हज़ार से अधिक है।

यमन के पास 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें और अधिक दूरी के ड्रोन हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के गिर्टन कॉलेज के निदेशक ने भी कहाः यद्यपि यमनवासी अमेरिकी सेना की शक्ति का मुक़ाबला नहीं कर सकते, फिर भी वे संघर्ष की विषम प्रकृति से लाभान्वित हैं। लाल सागर में मिसाइलों और ड्रोनों का लगातार प्रक्षेपण, वैश्विक समुद्री व्यापार और नौवहन की स्वतंत्रता को बाधित करेगा।

अंसारुल्लाह को पुनः आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध करने सहित ईरान और उसके सहयोगियों के ख़िलाफ़ अमेरिकी राजनीतिक दबाव का उल्लेख करते हुए केंडल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अंसारुल्लाह को कुचलना इतना आसान नहीं है, जो लेबनान के आकार से लगभग 20 गुना और ग़ज़ा के आकार से 500 गुना बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है।

यमन पर ज़मीनी हमला करने में अमेरिका की असमर्थता

लेबनान और ग़ज़ा पर ज़मीनी हमलों और युद्ध और यमन के बीच अंतर का उल्लेख करते हुए हेन्स ने इस बात पर ज़ोरर दिया कि यमन में ऐसा नहीं हो सकता। अमेरिका ज़मीनी सेना उतारने का जोखिम नहीं लेगा।

एक अन्य विशेषज्ञ ने एएफ़पी को बतायाः सिर्फ़ हवाई हमलों से यमनियों के अस्तित्व को कोई ख़तरा नहीं होगा। msm