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Thursday, 8 May 2025

ईरान और भारत ने संबंधों के विकास पर जोर दिया, प्रतिबंध द्विपक्षीय व्यापार में मुख्य बाधा हैं

ईरान और भारत ने संबंधों के विकास पर जोर दिया, प्रतिबंध द्विपक्षीय व्यापार में मुख्य बाधा हैं
ईरान और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, दोनों देशों के अधिकारियों ने संयुक्त आर्थिक आयोग की 20वीं बैठक में मौजूदा चुनौतियों के बावजूद सहयोग के विस्तार पर ज़ोर दिया।

ईरान के विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची उच्च पदस्थ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करने तथा द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा करने के लिए एक राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली के दौरे पर हैं।

प्रतिबंध, आर्थिक संबंधों की राह में बाधा

ईरान और भारत के बीच "संयुक्त आयोग" की 20वीं बैठक में ईरान के विदेशमंत्री ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा: तेहरान और नई दिल्ली के बीच संबंध, हमेशा आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित रहे हैं लेकिन अमेरिका के ग़ैरक़ानूनी, अत्याचारी और दमनकारी प्रतिबंधों की वजह से दोनों देशों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान का स्तर नहीं बढ़ पाया है।

श्री अब्बास इराक़ची ने आशा व्यक्त की कि तेहरान और नई दिल्ली के प्रयासों से ईरान और भारत की आर्थिक समस्याएं निकट भविष्य में हल हो जाएंगी। उधर भारतीय विदेशमंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने भी द्विपक्षीय सहयोग में हाल की प्रगति का उल्लेख किया और ईरान के साथ सहयोग के नए अवसरों पर काम करने के लिए नई दिल्ली की तत्परता का एलान किया।

चाबहार, ईरान और भारत की साझा प्राथमिकता

श्री अब्बास इराक़ची ने चाबहार सहयोग समझौते के कार्यान्वयन को ईरान और भारत की मुख्य प्राथमिकताओं में क़रार दिया तथा इस बंदरगाह की मौजूदा क्षमताओं का इस्तेमाल करने की अपील की। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा: चाबहार व्यापक सहयोग के लिए एक मॉडल बन सकता है। भारतीय विदेशमंत्री ने भी इस परियोजना के महत्व पर बल दिया और इस समझौते के विभिन्न भागों पर अमल करने के लिए दोनों देशों के प्रयासों का एलान किया।

भारत-पाकिस्तान तनाव पर ईरान की चिंता

ईरान-भारत संयुक्त आर्थिक आयोग की 20वीं बैठक के अवसर पर विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची ने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनावों का उल्लेख करते हुए दक्षिण एशिया में स्थिरता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा: ईरान को उम्मीद है कि दोनों देशों के अधिकारियों की दूरदर्शिता से ये तनाव जल्द ही कम हो जाएगा।

भारत के विदेशमंत्री एस.जय. शंकर ने पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों को "आनुपातिक प्रतिक्रिया" बताया और कहा: "भारत का तनाव बढ़ाने का इरादा नहीं है लेकिन वह किसी भी हमले का निर्णायक जवाब देगा।

वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाक़ात

इस्लामी गणतंत्रर ईरान के विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची ने भारत की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात। मुलाक़ात के दौरान दोनों पक्षों ने ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन जैसे संगठनों के ढांचे के भीतर बहुपक्षीय सहयोग का विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सैयद अब्बास इराक़ची और भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

दो सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर

ईरान के विदेशमंत्री की भारत यात्रा के आख़िर में, दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सीमा शुल्क और खाद्य एवं औषधि स्वच्छता के क्षेत्र में दो सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। ये दस्तावेज़, ईरान और भारत के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने तथा तकनीकी सहयोग को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।

रिश्तों का भविष्य, अवसर और चुनौतियां

प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान और भारत के बीच ऊर्जा, पारगमन और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। चाबहार समझौता और बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों में बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। हालांकि, प्रतिबंधों के मुद्दे को हल करना और क्षेत्रीय तनाव को कम करना इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण कारक होंगे। (AK)