ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने कहा है कि हम इस्लामी जगत के भविष्य को लेकर आशावादी हैं और कई घटनाएं हमारी इस आशा की पुष्टि करती हैं।
पार्स टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ और उनके साथ तेहरान की यात्रा पर पहुंचे डेलिगेशन से मुलाक़ात में कहा कि इस्लामी जगत में पाकिस्तान का एक विशेष स्थान है और ईरान और पाकिस्तान दोनों मिलकर ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
सुप्रीम लीडर ने इस मुलाक़ात में पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच युद्ध की समाप्ति पर ख़ुशी ज़ाहिर की और आशा जताई कि दोनों देश अपने मतभेदों का समाधान निकाल लेंगे। फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर पाकिस्तान के बहुत ही मज़बूत और अच्छे स्टैंड का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहाः हालिया वर्षों में ज़ायोनी शासन के साथ इस्लामी देशों के संबंधों को लेकर कुछ प्रलोभन दिए गए हैं, लेकिन पाकिस्तान कभी भी इन प्रलोभनों से प्रभावित नहीं हुआ है।
आज की दुनिया में इस्लामी उम्माह की बेपनाह प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए सुप्रीम लीडर ने कहाः ऐसी स्थिति में कि जब युद्धोन्मादी शक्तियों के पास दुनिया में मतभेदों और युद्ध को बढ़ावा देने के कई कारण हैं, एकमात्रा वह चीज़ जो इस्लामी उम्माह को सुरक्षा प्रदान कर सकती है, मुस्लिम देशों के बीच एकजुटता और इन देशों के बीच अच्छे संबंध हैं।
उन्होंने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को इस्लामी जगत का पहला मुद्दा बताया और ग़ज़ा की दयनीय स्थिति का ज़िक्र करते हुए कहाः ग़ज़ा में हालत यह हो गई है कि यूरोप और अमरीका के नागरिक प्रदर्शनों के ज़रिए अपनी सरकारों के सामने विरोध दर्ज करा रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसी स्थिति में भी कुछ इस्लामी सरकारें ज़ायोनी शासन के साथ खड़ी हैं।
आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनई ने ज़ोर देकर कहा कि ईरान और पाकिस्तान एक दूसरे के सहयोग से इस्लामी जगत में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं और फ़िलिस्तीनी मुद्दे को इस ग़लत मार्ग से निकाल सकते हैं। हम इस्लामी जगत के भविष्य को लेकर आशावादी हैं और अनेक घटनाएं हमारी इस आशा की पुष्टि करती हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान और पाकिस्तान के संबंध हमेशा दोस्ताना रहे हैं। थोपे गए युद्ध के दौरान पाकिस्तान का स्टैंड इस दोस्ताना संबंधों का नमूना है। इसी तरह उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को अपेक्षित स्तर से कम बताते हुए कहाः अनेक क्षेत्रों में दोनों देश एक दूसरे की मदद कर सकते हैं और हमें उम्मीद है कि यह मुलाक़ात आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जैसे वित्रिन्न क्षेत्रों में सहयोग में विस्तार का कारण बनेगी।
सुप्रीम लीडर ने ईसीओ संगठन को और अधिक सक्रिय बनाने के लिए ईरान और पाकिस्तान के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इस मुलाक़ात में ईरानी राष्ट्रपति पेज़िश्कियान भी मौजूद थे। इसमें शहबाज़ शरीफ़ ने क्रांति के नेता के साथ मुलाक़ात पर ख़ुशी ज़ाहिर की और पाकिस्तान और भारत के बीच उत्पन्न संकट को कम करने में इस्लामी गणतंत्र ईरान की सकारात्मक भूमिका की सराहना की। हाल के संघर्षों से संबंधित घटनाक्रमों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने ग़ज़ा के मुद्दे का उल्लेख किया और कहाः दुर्भाग्य से, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ग़ज़ा संकट को समाप्त करने के लिए कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं कर रहा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने तेहरान यात्रा के दौरान रचनात्मक बातचीत का भी उल्लेख किया और आशा व्यक्त की कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों के अधिक विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी। msm