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यमन ने सऊदी अरब के सामने रखी अजीब शर्त, यमनियों की जाल में फंसा रियाज़...

Sunday, 4 May 2025

टेलीग्राफ़: यमन में बमबारी में इंग्लैंड की भागीदारी का अस्ली लक्ष्य क्या है?

टेलीग्राफ़: यमन में बमबारी में इंग्लैंड की भागीदारी का अस्ली लक्ष्य क्या है?
ब्रितानी समाचार पत्र टेलीग्राफ़ ने यमन पर बमबारी में इंग्लैंड की भागीदारी की आलोचना करते हुए लिखा कि इतिहास में यमन पर कोई भी आक्रमणकारी विजयी नहीं हुआ है।

ब्रितानी युद्धक विमानों ने पिछले बुधवार को अमेरिका के यमन के ख़िलाफ सैन्य आक्रमण के तहत इस देश के कुछ ठिकानों पर बमबारी की। लंदन में राजनीतिक पर्यवेक्षक यह सवाल उठा रहे हैं कि इन हमलों का मूल उद्देश्य क्या है और ब्रिटेन को ऐसे युद्ध में क्यों शामिल होना चाहिए?

पार्सटुडे के अनुसार टेलीग्राफ़ ने लिखा कि इन हमलों के आलोचक सैन्य हस्तक्षेप व हमलों के परिणामहीन होने के प्रति चेतावनी दे रहे हैं।

एक अंग्रेज विश्लेषक James Snell ने यमन में विदेशी सैन्य हस्तक्षेपों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए एक लेख में लिखा: पिछले 60 वर्षों में, विभिन्न देशों ने यमन में युद्ध किया है जिसमें मिस्र और सऊदी अरब शामिल हैं, लेकिन इसके परिणाम त्रासदीपूर्ण रहे हैं। मिस्र, यमन के युद्ध से बर्बाद होकर बाहर आया और सऊदी अरब को मानव संकट और मिसाइल और ड्रोन हमलों का सामना रहा है। इस विश्लेषक ने आगे लिखा कि हम न तो सऊदी अरब हैं और न ही मिस्र लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम वास्तव में अंसारुल्ला को हरा सकते हैं।

उन्होंने अंत में लिखा: "कुछ मिसाइलें दागना आसान और शांतिदायक है लेकिन ब्रिटेन को ख़ुद से पूछना चाहिए कि भविष्य के लिए उसकी योजना क्या है? अमेरिका आमतौर पर इन युद्धों से थक जाता है और पीछे हट जाता है। हमें फिर से इस रेलगाड़ी पर चढ़ने की आवश्यकता क्यों है?"

James Snell ने जोर देकर कहा: "विश्लेषक मानते हैं कि अगर ब्रिटेन के पास इस युद्ध में स्पष्ट लक्ष्य, दीर्घकालिक रणनीति और ठोस परिणाम नहीं है तो अतीत में कड़वे अनुभवों को दोहराना अपरिहार्य होगा।

इंग्लैंड और अमेरिका ने ज़ायोनी शासन के समर्थन में 15 मार्च 2025 से यमन के ख़िलाफ हवाई हमले शुरू किए और इस देश के आवासीय क्षेत्रों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों जैसे पीने के पानी के टैंकों और ग़ैर सैनिक ठिकानों  को निशाना बनाया। इन हमलों के कारण अब तक यमन के सैकड़ों आम नागरिक शहीद हो चुके हैं जबकि सैकड़ों दूसरे घायल हुए हैं। MM