इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की मेघालय में हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री में नया मोड़ तब आया, जब मेघालय पुलिस ने राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी समेत पांच आरोपियों को 8 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा। शिलांग कोर्ट ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को पेश करने के बाद यह फैसला सुनाया। मेघालय पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जो इस हत्या की साजिश की परतें उघाड़ रहे हैं।
मेघालय पुलिस का बयान: साजिश की मास्टरमाइंड सोनम
मेघालय पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख और ईस्ट खासी हिल्स के SP (सिटी) हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने बताया कि सोनम रघुवंशी इस हत्याकांड की मुख्य साजिशकर्ता हैं। पुलिस के अनुसार, सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह और तीन अन्य भाड़े के हत्यारों—विशाल सिंह, आनंद कुर्मी, और आकाश राजपूत—के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई। यह साजिश इंदौर में रची गई और मेघालय के शिलांग में अंजाम दी गई।
SP विवेक सिम ने कहा, “जांच अभी जारी है, और हमें कई तथ्यों की पुष्टि करनी है। सोनम के खिलाफ हत्या में शामिल होने के पुख्ता सबूत हैं। पूछताछ के बाद इस मामले की पूरी तस्वीर और स्पष्ट होगी।” पुलिस ने हत्या के दृश्य को रीक्रिएट करने और आरोपियों का आमना-सामना कराने की भी योजना बनाई है ताकि साजिश के हर पहलू का खुलासा हो सके।
हत्या की साजिश और नेपाल भागने का प्लान
पुलिस जांच में सामने आया कि सोनम और राज कुशवाह के बीच कई सालों से प्रेम संबंध थे। सोनम, जो राज कुशवाह से उम्र में पांच साल बड़ी हैं, अपने परिवार के दबाव में राजा रघुवंशी से शादी करने को मजबूर हुई थीं। शादी के बाद भी उनका प्रेम प्रसंग जारी रहा, जिसने इस खौफनाक साजिश को जन्म दिया। पुलिस के अनुसार, सोनम ने हनीमून के लिए मेघालय का प्लान बनाया और राजा को शिलांग के डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज क्षेत्र में ले गई, जहां पहले से मौजूद हत्यारों ने राजा की हत्या कर दी।
हत्या के बाद सोनम फरार हो गई और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंची, जहां से वह गोरखपुर के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थी। तकनीकी निगरानी और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए पुलिस ने उसे गाजीपुर के एक ढाबे से गिरफ्तार किया। अन्य चार आरोपियों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से हिरासत में लिया गया।
कोर्ट में पेशी और पुलिस की रणनीति
बुधवार को शिलांग कोर्ट में सोनम और चार अन्य आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया। पुलिस ने 10 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 8 दिन की कस्टडी मंजूर की। मेघालय पुलिस अब इन आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और हत्या के सटीक मकसद, साजिश के अन्य संभावित सहयोगियों, और सबूतों की बरामदगी पर ध्यान दे रही है। पुलिस ने उस स्थान की तस्वीरें भी जारी की हैं, जहां राजा की हत्या हुई थी।
परिवार और समाज का रुख
सोनम के परिवार ने हत्या के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि वह निर्दोष है। सोनम के भाई गोविंद ने कहा, “मेरे कहने पर ही सोनम ने सरेंडर किया। उस पर लगाए गए इल्जाम गलत हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।” दूसरी ओर, राजा के परिवार और रघुवंशी समाज ने इस मामले की CBI जांच की मांग की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था।
मेघालय सरकार का जवाब
मेघालय के पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने इस मामले को “लव ट्रायंगल मर्डर केस” करार देते हुए कहा, “मात्र 7 दिन में पुलिस ने इस केस को सुलझा लिया। हमारी पुलिस पर भरोसा रखें। यह एक साफ-सुथरा मामला है, और जांच पूरी पारदर्शिता के साथ हो रही है।” उन्होंने मेघालय की छवि खराब करने वालों को मानहानि की चेतावनी भी दी।
निष्कर्ष
राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल एक प्रेम त्रिकोण की दुखद कहानी को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे एक सुनियोजित साजिश ने एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया। मेघालय पुलिस की तेजी और SIT की सक्रियता ने इस मामले को जल्दी सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पूछताछ में और कौन से राज सामने आएंगे और क्या यह मामला पूरी तरह से सुलझ पाएगा।