13 जून 2025 को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI379, जो थाईलैंड के फुकेत से नई दिल्ली के लिए उड़ान भर रही थी, को एक बम की धमकी के कारण फुकेत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस घटना ने वैश्विक उड्डयन सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह लेख इस घटना के विवरण और इसके प्रभावों पर प्रकाश डालता है।
घटना का विवरण
फ्लाइट AI379 ने सुबह 9:30 बजे (स्थानीय समय) फुकेत हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, जिसमें 156 यात्री सवार थे। उड़ान के दौरान एक यात्री ने विमान के शौचालय की दीवार पर बम की धमकी लिखा एक नोट पाया। इस सूचना के बाद पायलट ने तुरंत हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) को सूचित किया और विमान को वापस फुकेत लौटने का निर्णय लिया। फ्लाइट ने अंडमान सागर के ऊपर चक्कर लगाने के बाद सुबह 11:46 बजे सुरक्षित लैंडिंग की। सभी यात्रियों और उनके सामान को विमान से सुरक्षित निकाला गया, और सुरक्षा एजेंसियों ने विमान की गहन जांच शुरू की। प्रारंभिक तलाशी में कोई बम नहीं मिला, और धमकी देने वाले नोट को लिखने वाले यात्री से पूछताछ की जा रही है।
वैश्विक और स्थानीय प्रभाव
यह घटना हाल के दिनों में बम धमकियों से जुड़ी उड्डयन घटनाओं की एक कड़ी का हिस्सा है। इससे पहले, 8 जून 2025 को गल्फ एयर की फ्लाइट GF213 को भी इसी तरह की धमकी के बाद कुवैत में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। ऐसी घटनाएं वैश्विक उड्डयन उद्योग में सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करने की मांग को बढ़ा रही हैं। भारत जैसे देशों में, जहां एयर इंडिया एक प्रमुख वाहक है, इस तरह की घटनाएं यात्रियों के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, त्वरित कार्रवाई और प्रभावी आपातकालीन प्रबंधन ने किसी भी बड़े नुकसान को रोकने में मदद की।
भारत और थाईलैंड का सहयोग
फुकेत हवाई अड्डे के अधिकारियों और थाईलैंड की सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला और विमान की जांच शुरू की। एयर इंडिया ने भी एक बयान जारी कर कहा कि उनकी प्राथमिकता यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा है। भारत सरकार और थाईलैंड के बीच इस घटना के बाद सहयोग बढ़ सकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
एयर इंडिया की फ्लाइट AI379 की आपातकालीन लैंडिंग ने एक बार फिर उड्डयन सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। हालांकि इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह उड्डयन उद्योग के लिए एक चेतावनी है कि बम धमकियों जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेना होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े सुरक्षा उपाय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। यह घटना भारत और थाईलैंड जैसे देशों को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को और मजबूत करने के लिए प्रेरित कर सकती है।