इज़रायल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध एक विनाशकारी मोड़ पर पहुंच गया है। इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर ईरान के साथ युद्धविराम के लिए मध्यस्थता की गुहार लगाई है। ईरान की उग्र सैन्य कार्रवाइयों, खासकर मिसाइल और ड्रोन हमलों, ने इज़रायल को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे उसकी सैन्य ताकत और नागरिक बुनियादी ढांचा कमजोर हो गया है।
ईरान ने इज़रायल के प्रमुख शहरों जैसे तेल अवीव, यरुशलम और हाइफा पर 300 से अधिक बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ सैकड़ों ड्रोन हमले किए हैं। इन हमलों में इज़रायल की अत्याधुनिक आयरन डोम और डेविड्स स्लिंग हवाई रक्षा प्रणालियां कई बार विफल रहीं, जिसके परिणामस्वरूप 37 लोग मारे गए और 1,500 से अधिक घायल हुए। तेल अवीव में एक प्रमुख बिजली संयंत्र और हाइफा में सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया, जिससे बिजली आपूर्ति और सैन्य संचालन बुरी तरह प्रभावित हुए। इज़रायली रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों से आर्थिक नुकसान 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक का अनुमान है।
ईरान की सैन्य कार्रवाइयां और उग्र हो गई हैं, क्योंकि उसने इज़रायल के परमाणु रिएक्टर और सैन्य ठिकानों पर लक्षित हमले किए हैं। ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया कि उनके हमले "इज़रायल की आक्रामकता का जवाब" हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह खामेनेई ने इज़रायल को "कठोर सजा" देने की कसम खाई है, जिसके बाद ईरान ने अपनी मिसाइल क्षमता को और बढ़ा दिया। हाल के दिनों में, ईरान ने लंबी दूरी की फतेह-110 और खोर्रमशहर-4 मिसाइलों का उपयोग किया, जो इज़रायल के गहरे इलाकों तक पहुंचने में सक्षम हैं।
नेतन्याहू ने पुतिन से कहा कि इज़रायल अब इस युद्ध का बोझ नहीं सह सकता और तत्काल युद्धविराम की जरूरत है। पुतिन ने मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन रूस ने पहले ही इज़रायल के हमलों की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया था। कुछ एक्स पोस्ट्स में दावा किया गया है कि रूस चुपके से ईरान को सैन्य सलाह दे रहा है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
अमेरिका ने इज़रायल को मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए सहायता दी है, लेकिन सीधे युद्ध में शामिल होने से इनकार किया है। यदि पुतिन की मध्यस्थता विफल रही, तो ईरान की बढ़ती आक्रामकता और इज़रायल का कमजोर होता रक्षा तंत्र मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध को जन्म दे सकता है। जो इज़राइल को नकशे से मिटाने के लिए काफी होगा।