फाईल फोटोग्राफ
दोहा, क़तर: 23 जून 2025 को ईरान ने क़तर में स्थित अल उदीद एयर बेस पर मिसाइल हमला किया, जो पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया बमबारी के जवाब में किया गया। अल उदीद बेस की रणनीतिक महत्वपूर्णता और अमेरिकी सैन्य संचालन में इसकी भूमिका इसे ईरान के निशाने पर लाने का प्रमुख कारण बनी। आइए जानते हैं कि यह बेस अमेरिका के लिए क्यों इतना खास है।अल उदीद एयर बेस का महत्व
अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का मुख्यालय: अल उदीद बेस अमेरिकी सेंट्रल कमांड का अग्रणी मुख्यालय है, जो इराक, सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी वायु संचालन का केंद्र है। यह बेस मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य रणनीति का दिल माना जाता है।
क्षेत्र का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा: दोहा से लगभग 20 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित यह बेस मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है। यहां 8,000 से 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, साथ ही ब्रिटिश और क़तरी सैन्य टुकड़ियां भी मौजूद हैं।
वायु संचालन का केंद्र: अल उदीद बेस 379वें एयर एक्सपेडिशनरी विंग का घर है, जो अमेरिकी वायु सेना की सबसे बड़ी इकाई है। यह बेस विभिन्न युद्धक और रसद विमानों को समायोजित करता है, जो क्षेत्रीय मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
9/11 के बाद रणनीतिक उपयोग: 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिका ने इस बेस का उपयोग तालिबान और अल कायदा के खिलाफ अभियानों के लिए शुरू किया। तब से यह अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में अमेरिकी मिशनों का आधार रहा है।
क़तर-अमेरिका रक्षा सहयोग का प्रतीक: क़तर ने इस बेस के निर्माण और विकास में लगभग 8 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। यह बेस दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग का प्रतीक है, हालांकि क़तर ईरान के साथ भी मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है।
ईरान का हमला और प्रतीकात्मक संदेश
ईरान ने अपने हमले को "ऑपरेशन बशारत अल-फतह" नाम दिया और दावा किया कि उसने अमेरिकी बमबारी के जवाब में उतनी ही मिसाइलें दागीं, जितने बम अमेरिका ने ईरान पर गिराए। क़तर की वायु रक्षा प्रणालियों ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया, और कोई हताहत नहीं हुआ।
क्षेत्रीय प्रभाव
हमले के बाद क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और कुवैत ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया, जिससे क्षेत्रीय उड्डयन प्रभावित हुआ। क़तर ने हमले की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया, लेकिन साथ ही कहा कि उसका हवाई क्षेत्र अब सुरक्षित है।
अल उदीद एयर बेस अमेरिका की क्षेत्रीय सैन्य शक्ति का प्रतीक था, जो ईरान के मिसाइल हमले मे तबाह हो गया।