फ्रांस की प्रमुख रक्षा और जहाज निर्माण कंपनी नवाल ग्रुप ने 30 जुलाई 2025 को खुलासा किया कि वह एक गंभीर साइबर हमले का शिकार हुई है। कंपनी के अनुसार, हमलावरों ने लगभग 1 टेराबाइट संवेदनशील डेटा चुराने की कोशिश की, जिसमें सैन्य प्रौद्योगिकी से जुड़ी गोपनीय जानकारी शामिल हो सकती है। यह बयान एक हैकर के दावे के बाद आया, जिसने कथित तौर पर चुराए गए डेटा का एक हिस्सा डार्क वेब पर लीक कर दिया। नवाल ग्रुप, जो पनडुब्बियों और युद्धपोतों जैसी उन्नत सैन्य तकनीकों के लिए जानी जाती है, ने कहा कि वह हमले की जांच के लिए फ्रांसीसी साइबर सुरक्षा एजेंसी ANSSI और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी ने अभी तक लीक हुए डेटा की सटीक प्रकृति या संभावित नुकसान का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमले के पीछे जिम्मेदार हैकरों या समूह की पहचान करने में असमर्थता जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला किसी राज्य-प्रायोजित समूह या उन्नत साइबर अपराधी गिरोह का काम हो सकता है, जो रक्षा क्षेत्र की संवेदनशील जानकारी को निशाना बनाते हैं। नवाल ग्रुप ने अपने सिस्टम को सुरक्षित करने और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की बात कही है। यह घटना वैश्विक रक्षा उद्योग में साइबर सुरक्षा के बढ़ते जोखिमों को रेखांकित करती है, जहां गोपनीय डेटा चोरी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
फ्रांसीसी रक्षा कंपनी नवाल ग्रुप पर साइबर हमला, 1 टेराबाइट डेटा चोरी का दावा