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Tuesday, 12 August 2025

दमोह में यूरिया खाद की लूट: किसानों का सब्र टूटा, सरकार पर उठे सवाल

दमोह में यूरिया खाद की लूट: किसानों का सब्र टूटा, सरकार पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में खाद की किल्लत ने किसानों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। तेंदूखेड़ा में सोमवार को गुस्साए किसानों ने खाद वितरण केंद्र पर पहुंचे यूरिया से भरे ट्रक को लूट लिया। यह घटना खरीफ सीजन के बीच खाद वितरण में देरी और अव्यवस्था की पोल खोलती है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में किसान ट्रक से खाद की बोरियां लूटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि पुलिस हल्का बल प्रयोग कर उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी।

क्यों भड़का किसानों का गुस्सा?

पिछले कई दिनों से दमोह, जबलपुर, गुना, बड़वानी, और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में किसान यूरिया और अन्य खाद की कमी से जूझ रहे हैं। दमोह के तेंदूखेड़ा में किसान सुबह 3-5 बजे से वितरण केंद्रों पर लाइन लगाकर खाद का इंतजार कर रहे हैं। कई बार खाली हाथ लौटने और टोकन सिस्टम में कथित धांधली के आरोपों ने किसानों का गुस्सा बढ़ा दिया। एक किसान ने बताया कि 24 जुलाई से वह बार-बार केंद्र पर आ रहा है, लेकिन उसे केवल डीएपी मिला, यूरिया नहीं।

सरकार की सफाई और वादे

दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा कि 8-9 हजार किसानों के एक साथ पहुंचने से अव्यवस्था हुई, जबकि उनके पास केवल 3 हजार किसानों के लिए खाद थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी को टोकन के आधार पर खाद दी जाएगी और कोई कमी नहीं है। क्षेत्रीय विधायक और संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने भी भोपाल से यूरिया की व्यवस्था करने का दावा किया। हालांकि, किसानों का कहना है कि सरकार के ये वादे हकीकत से दूर हैं।

क्या खाद उद्योगों में डायवर्ट हो रही है?

किसानों के बीच चर्चा है कि सरकारी गोदामों में खाद का स्टॉक होने के बावजूद, इसे उद्योगों या कालाबाजारी के लिए डायवर्ट किया जा रहा है। हाल ही में कृषि विभाग ने अवैध स्टॉक जब्त किया, जिससे इन आरोपों को बल मिला। विशेषज्ञों का मानना है कि मक्के के रकबे में तीन गुना वृद्धि के कारण यूरिया की मांग बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति और वितरण में खामियां इसे संकट में बदल रही हैं।

प्रशासन का रवैया और पुलिस की भूमिका

घटना के दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ के आगे वह बेबस नजर आई। कुछ किसानों ने लूटी गई बोरियां पुलिस के दबाव में लौटा दीं, लेकिन टोकन वितरण में कथित भेदभाव के खिलाफ उनका गुस्सा बरकरार है। प्रशासन ने अब भारी पुलिस बल तैनात किया है और जांच शुरू कर दी है।

किसानों की मांग और भविष्य

किसान मांग कर रहे हैं कि खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जाए और टोकन सिस्टम को सुधारा जाए। वे समय पर खाद की उपलब्धता चाहते हैं, ताकि उनकी फसल को नुकसान न हो। अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो किसान बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।


दमोह की यह घटना मध्य प्रदेश में खाद वितरण की बदहाल व्यवस्था को उजागर करती है। सरकार को तत्काल कदम उठाकर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना होगा, ताकि किसानों का भरोसा बहाल हो और खरीफ सीजन की फसलें बच सकें।