नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर वोट चोरी का सनसनीखेज आरोप लगाकर देश की राजनीति में तूफान ला दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 100% पुख्ता सबूत हैं, जो यह साबित करते हैं कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के पक्ष में वोटर लिस्ट में हेरफेर और फर्जी वोटिंग को अंजाम दिया। इस खुलासे ने न केवल भारत में हड़कंप मचा दिया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लोकतंत्र के प्रति चिंता बढ़ा दी है। राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक और महाराष्ट्र के चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटर जोड़े गए। उन्होंने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट की महादेवपुरा विधानसभा का उदाहरण दिया, जहां 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख से अधिक वोटर फर्जी पाए गए। इसके अलावा, महाराष्ट्र में 40 लाख संदिग्ध वोटरों के शामिल होने का दावा किया गया, जिसने वहां के चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया, जिससे धांधली की आशंका और गहरी हो गई।
राहुल ने कहा, "यह चोरी नहीं, डकैती है! लोकतंत्र की नींव वोट है, और इसे चुराकर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस मामले में शामिल लोगों को, चाहे वे रिटायर हो जाएं, बख्शा नहीं जाएगा।
बीजेपी और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को "निराधार" और "भ्रामक" करार देते हुए खारिज किया है। आयोग ने दावा किया कि भारत में चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है, और इस तरह के आरोप लाखों चुनाव अधिकारियों का अपमान हैं। बीजेपी ने भी पलटवार करते हुए इन आरोपों को "राजनीतिक नाटक" बताया और कहा कि राहुल गांधी हार का ठीकरा संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल उठाया कि यदि राहुल के पास सबूत हैं, तो वे कोर्ट क्यों नहीं गए।
सोशल मीडिया और गोदी मीडिया पर हलचल राहुल के इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, फेसबुक, और व्हाट्सएप पर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ एक्स पोस्ट्स में दावा किया गया कि बीजेपी आईटी सेल और तथाकथित "गोदी मीडिया" भ्रम फैलाने के लिए युद्ध स्तर पर सक्रिय हो गए हैं। लाखों ट्रोल्स को झूठी खबरें और भ्रामक जानकारी फैलाने का काम सौंपा गया है, ताकि जनता का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाया जा सके। हालांकि, ये दावे असत्यापित हैं और इनकी पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।
राहुल गांधी का आह्वान राहुल गांधी ने देश के नागरिकों से अपील की कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा, "यह आपका भविष्य है, जिसे चुराया जा रहा है। हमें मिलकर इस फर्जीवाड़े के खिलाफ लड़ना होगा और संविधान को बचाना होगा।" उनकी इस टिप्पणी ने युवाओं और विपक्षी दलों में जोश भर दिया है, और कई लोग इसे लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं।
आगे क्या?
राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि कांग्रेस जल्द ही अपने सबूतों को सार्वजनिक करेगी, जिसे उन्होंने "एटम बम" की संज्ञा दी है। इस बीच, विपक्षी गठबंधन INDIA ने संसद से सड़क तक इस मुद्दे को उठाने का ऐलान किया है। दूसरी ओर, बीजेपी और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी निष्पक्षता का दावा किया है।
यह मामला अब न केवल राजनीतिक बल्कि कानूनी और सामाजिक बहस का विषय बन चुका है। देश की जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर इस पर टिकी है कि क्या राहुल गांधी के दावों से भारत के लोकतंत्र की साख पर कोई असर पड़ेगा, या यह एक और राजनीतिक विवाद बनकर रह जाएगा। *