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Friday, 1 August 2025

अमेरिकी युवा पीढ़ी का इज़राइल के प्रति बदलता नज़रिया: सच्चाई का उदय

अमेरिकी युवा पीढ़ी का इज़राइल के प्रति बदलता नज़रिया: सच्चाई का उदय
कुछ दशक पहले तक, अमेरिका में इज़राइल का समर्थन एक साझा राष्ट्रीय मूल्य था, जो राजनीति, मीडिया और शिक्षा में गहराई से समाया हुआ था। लेकिन आज, खासकर युवा पीढ़ी में, इस नज़रिए में गहरा बदलाव देखने को मिल रहा है। हार्वर्ड-हैरिस सर्वे (दिसंबर 2023) के अनुसार, 18-24 साल के 50% से अधिक अमेरिकी युवा मानते हैं कि ग़ज़ा संकट का समाधान इज़राइल के वजूद को समाप्त कर फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को लागू करने से ही संभव है। प्यू रिसर्च सेंटर (अप्रैल 2024) की रिपोर्ट बताती है कि 18-29 साल के केवल 14% युवा इज़राइल का समर्थन करते हैं, जबकि 33% फिलिस्तीनी लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारक है सोशल मीडिया का उदय, जिसने बिना फिल्टर के सच्चाई को सामने ला दिया। ट्विटर, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स ने ग़ज़ा और अन्य मक़बूज़ा इलाकों की तस्वीरें, वीडियो और कहानियाँ सीधे वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाईं। फिलिस्तीनी माताओं के आंसू, ध्वस्त घर और मासूमों की त्रासदी अब बिना सेंसर के दिखाई दे रही है, जो मुख्यधारा मीडिया के प्रचारित नैरेटिव को चुनौती दे रही है। इसके साथ ही, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में ज़ायोनी-विरोधी छात्र आंदोलन तेज़ हुए हैं। विरोध प्रदर्शन, हड़तालें और इज़राइल से जुड़ी कंपनियों में निवेश के खिलाफ़ मुहिमें युवाओं की जागरूकता का प्रमाण हैं। राजनीतिक माहौल भी बदल रहा है। रिपब्लिकन युवाओं में, जो परंपरागत रूप से इज़राइल के समर्थक रहे हैं, केवल 28% इसका समर्थन करते हैं, जबकि 47% डेमोक्रैट युवा फिलिस्तीनी पक्ष में हैं। वैश्विक स्तर पर भी यह बदलाव स्पष्ट है। इज़राइली राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान (INSS) की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 तक, हर महीने औसतन 2,000 से अधिक इज़राइल-विरोधी प्रदर्शन हुए, जिनमें सबसे ज्यादा अमेरिका में दर्ज किए गए। यह जनमत का बदलाव इज़राइल के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि अमेरिकी जनता का समर्थन उसकी रणनीतिक जीवनरेखा रहा है। आज की पीढ़ी, जो सच्चाई से जागरूक है, ग़ज़ा के खंडहरों में मानवता की पुकार सुन रही है। यह पीढ़ी न कट्टरता से, बल्कि जागरूकता से इज़राइल के खिलाफ खड़ी है। नए मीडिया ने पुराने प्रचार को ध्वस्त कर दिया है, और अमेरिकी युवाओं ने साफ स्वर में अतीत को पीछे छोड़ दिया है। यह 'सॉफ्ट कोलैप्स' इज़राइल के लिए किसी भू-राजनीतिक चुनौती से बड़ा खतरा हो सकता है, क्योंकि यह मानवता के ज़मीर की जीत है।