किरमानशाह में अहल‑सुन्नत के इमाम‑जमाअत ने कहा: अत्याचार के खिलाफ़ वैश्विक जागरण ने ज़ायोनी शासन को राजनीतिक तंगी में डाल दिया है।
पार्स‑टुडे के मुताबिक़ किरमानशाह के अहल‑सुन्नत इमाम‑जमाअत मुल्ला अब्दुलरहमान मुरादी ने कहा: अत्याचार और कब्ज़े के खिलाफ वैश्विक जागरण ने ज़ायोनी शासन को राजनीतिक और सामाजिक रूप से तंग किया है और यहां तक कि क़ब्ज़े वाली ज़मीनों के अंदर के लोग भी इस शासन की युद्धोन्मुख नीतियों से तंग आ चुके हैं।
मुरादी ने कहा: ग़ाज़ा में युद्धविराम की स्थापना फलस्वरूप फ़िलिस्तीनी लोगों की प्रतिरोध और जिहादी मोर्चे के प्रयासों तथा स्वतंत्र राष्ट्रों की समर्थन का नतीजा है जिन्होंने सच उजागर कर ज़ायोनी शासन का असली चेहरा दिखाया और उसके समर्थन करने वाले देशों पर दबाव डाला। उन्होंने ज़ोर देकर कहा: विश्व के मुसलमानों को एकता और ख़बरदारी के साथ अत्याचार और आक्रमण के सामने खड़ा रहना चाहिए तथा इबादत और ईमान को मज़बूत करके दुनिया में शांति और आध्यात्मिकता के फ़ैलाव के लिए ज़मीन तैयार करनी चाहिए।