पाकिस्तानी अहले‑सुन्नते के आलिम मोहम्मद शादाब रज़ा नक्शबंदी ने कहा कि इज़राइल के अपराध इतने क्रूर और व्यापक हैं कि अगर हिटलर जिंदा होता तो उसे देखकर कांप उठता। इस पाकिस्तानी आलिम ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ग़ैरहाज़िरी पर निंदा करते हुए कहा कि सचमुच के फ़िलिस्तीनी नेताओं की मौजूदगी और समर्थन के बिना कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है और संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय को राजनीतिक संधियों पर काम करने की बजाय न्याय लागू करना चाहिए और इज़राइल के अपराधियों पर मुक़द्दमा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने पश्चिम की दोहरे मानदंड वाली नीतियों की भी तीखी आलोचना की और कहा: अमेरिका और कुछ अन्य देश सीधे या परोक्ष रूप से इज़राइल के अपराधों में साझेदार हैं।
उन्होंने वीटो के अधिकार का उपयोग करके ज़ायोनी शासन को स्पष्ट रूप से आतंकवाद की मंज़ूरी दे दी है। मोहम्मद शादाब रज़ा नक्शबंदी ने कहा: जबकि विश्व भर के इस्लामी राष्ट्र ग़ाज़ा के लोगों के समर्थन में उठ खड़े हुए हैं इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) केवल निंदा वाले बयानों तक सीमित रहा है। यदि इस संगठन ने फिलिस्तीनियों के नरसंहार के ख़िलाफ़ स्पष्ट और कड़ा रुख़ अपनाया होता तो इज़राइल कभी इतनी हिम्मत न करता कि ये अपराध जारी रखे। mm