ब्लूमबर्ग वेबसाइट की अनुसार अगर जर्मनी की सरकार के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वहां पर गैस का प्रयोग किया जाए तब भी उसके पास केवल तीन महीनों का ही स्टाक बचता है।
जर्मनी में ऊर्जा संस्थाओं का समन्वय करने वाले संस्थान के प्रमुख क्लाउस मूलेर कहते हैं कि देश में जो गैस का भण्डार है वह लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति केवल नवंबर तक ही एसा संभव होगा। रूस से जर्मनी जाने वाली गैस पाइप लाइन केवल 20 प्रतिशत की ही आपूर्ति कर रही है।
रूस ने जबसे पाइप लाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति कम की है तब से यूरोप में गंभीर ऊर्जा संकट पैदा हो गया है। यूरोप में जर्मनी विशेष रूप से रूस के तेल और गैस पर निर्भर है। इस समय मुख्य चिंता यह है कि जाड़ों के मौसम में गैस की आवश्यक्ता बढ़ने पर उसकी आपूर्ति कैसे की जा सकेगी।
जर्मनी की सरकार ने गैस के प्रयोग में कमी का आदेश देते हुए चेतावनी दी है कि अगर एसा नहीं किया जाता है तो फिर हमें राशनिंग करनी पड़ेगी। इसी के साथ उसने अधिक गैस के प्रयोग पर टैक्स का भी प्रावधान किया है। उल्लेखनीय है कि जून सन 2022 से जर्मनी में ऊर्जा संकट आरंभ हुआ है जिससे इस बात की संभावना पाई जाती है कि भविष्य में वहां पर यह संकट अधिक गहरा सकता है।