गोवर्धन मठ पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने दावा किया है कि हज़रत ईसा (अ) सनातनी हिंदू थे और दस वर्षों तक वे भारत में ठहरे थे।
रायपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि विदेशों में ईसा मसीह की वैष्णव तिलक लगाए हुए प्रतिमाएं भी मौजूद हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, शंकराचार्य ने यह भी दावा किया कि हज़रत ईसा ने गुप्त रूप से तीन साल पुरी में बिताए और इस दौरान वे शंकराचार्य के संपर्क में भी थे। ईसा मसीह वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी थे।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, बल्कि शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की पीड़ा को समझने की ज़रूरत है।
शंकराचार्य का कहना था कि गांधी जी की हत्या से मैं सहमत नहीं हूं, लेकिन गोडसे ने जिस वजह से यह हत्या की, उससे भी असहमत नहीं हो सकता हूं।
उन्होंन कहा कि उस समय जो कुछ देश में चल रहा था, उससे नाथूराम अत्यंत व्यथित थे, आप उनके वक्तव्य को पढ़कर प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
शंकराचार्य ने नाथूराम गोडसे की किताब का उल्लेख करते हुए कहाः जिस समय गांधी को मारने का विचार मैंने किया, उसी समय मैंने ख़ुद को मरा हुआ मान लिया था। msm