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Sunday, 10 November 2024

कनाडा का वो फै़सला, जिसका असर लाखों भारतीय छात्रों पर पड़ेगा

कनाडा का वो फै़सला, जिसका असर लाखों भारतीय छात्रों पर पड़ेगा
    कनाडा के सशक्त ओर युवा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो

कनाडा ने भारत समेत कई देशों के छात्रों के लिए फ़ास्टट्रैक वीज़ा प्रोग्राम यानी ‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ को ख़त्म कर दिया है.

इसके साथ ही कनाडा ने नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस स्कीम भी बंद कर दी है.

कनाडा सरकार की वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि कनाडा सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई के लिए परमिट की आवेदन प्रक्रिया को समान और निष्पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ क्या थी?

बारहवीं के बाद की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के वीज़ा आवेदनों की जल्दी सुनवाई के लिए साल 2018 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम यानी एसडीएस की शुरुआत की गई थी.

ये स्कीम एंटीगुआ और बारबूडा, ब्राज़ील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फ़िलीपींस, सेनेगल, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, त्रिनिदाद और टोबैगो और वियतनाम के लोगों के लिए शुरू की गई थी.


इस स्कीम के तहत छात्रों के एप्लीकेशन को सिर्फ़ 20 दिनों के अंदर प्रोसेस किया जाता था, लेकिन अब वीज़ा के काम में आठ हफ्ते तक का समय लग सकता है.

कनाडा सरकार ने क्या कहा?

आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता विभाग कनाडा (आईआरसीसी) ने एक बयान में कहा है कि कनाडा सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्टडी परमिट के लिए आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष मौक़ा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

बयान में कहा गया है कि अब छात्रों को रेगुलर स्टडी परमिट के ज़रिए आवेदन करना होगा, जिसके लिए इंवेस्टमेंट सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होगी.

विभाग का कहना है कि कनाडा दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत करना जारी रखेगा और एसडीएस स्कीम के तहत जिन लोगों ने आठ नवंबर 2024 की दोपहर दो बजे (कनाडा के समयानुसार) से पहले आवेदन किया हुआ है, उन्हीं का वीज़ा इस स्कीम के तहत प्रोसेस किया जाएगा.

बयान के मुताबिक़ इस तय समय के बाद छात्रों के वीज़ा, रेगुलर स्टडी परमिट स्ट्रीम के तहत प्रोसेस किए जाएंगे.

कनाडा का कहना है कि उनका लक्ष्य इस प्रोग्राम की अखंडता को मज़बूत करना, छात्रों को नुक़सान से बचाना और सभी छात्रों को एक समान और निष्पक्ष वीज़ा आवेदन प्रक्रिया मुहैया कराना है.

इसके साथ ही कनाडा सरकार अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए शैक्षणिक अनुभव को सकारात्मक बनाने की भी बात कर रही है.

इस एलान के बाद स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम और नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस जैसी स्कीमें कनाडा के समयानुसार आठ नवंबर को दोपहर दो बजे से बंद हो चुकी हैं. यानी इससे पहले तक के आवेदनों पर पहले के नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी.

इसके बाद पढ़ाई के लिए छात्रों की ओर से दिए आवेदन पर रेगुलर स्टडी परमिट सिस्टम के तहत काम होगा.

कनाडा की सरकार का कहना है कि चाहे कोई छात्र एसडीएस या एनएसई स्कीम के लिए ज़रूरी पात्रता को पूरा करता हो, फिर भी उस कनाडा में स्टडी परमिट के आवेदन की सभी ज़रूरी शर्तों को पूरा करना होगा.
कनाडा ने साल 2018 में स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम कार्यक्रम शुरू किया था.

भारतीय छात्रों पर असर

कैनेडियन इमिग्रेशन लॉ के मैनेजिंग डायरेक्टर शमशेर सिंह संधू ने  बताया है कि स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) के बंद होने का सीधा और सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा.

वे कहते हैं, "एसडीएस वीज़ा प्रोग्राम के तहत वीज़ा अप्लाई करने वाले 100 में से क़रीब 95 बच्चों को सफलता मिल जाती थी, लेकिन नॉन एसडीएस वीज़ा प्रोग्राम में सफलता की दर क़रीब 50 प्रतिशत ही है."

शमशेर सिंह कहते हैं कि 2018 में इस स्कीम के शुरू होने के बाद क़रीब 10 से 15 लाख भारतीय छात्र कनाडा गए हैं और अब सबसे बड़ा डर उनकी नागरिकता को लेकर है.

वे कहते हैं, "एसडीएस वीज़ा प्रोग्राम के तहत कनाडा जाने वाले छात्रों का मक़सद वहां जाकर पढ़ना नहीं होता था. वे किसी मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेते थे. एक साल के डिप्लोमा कोर्स के साथ उन्हें वहां एक साल का वर्क परमिट और दो साल के कोर्स के बाद तीन साल का वर्क परमिट मिल जाता था."