अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुई एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना के मलबे को हटाने की प्रक्रिया के दौरान एक अजीबोगरीब हादसा हुआ। विमान का पूंछ हिस्सा (टेल) ले जा रहे एक ट्रक का शाहीबाग डफनाला के पास ACB कार्यालय के सामने एक पेड़ में फंस गया, जिसके कारण शाहीबाग डफनाला से कैंप हनुमान मंदिर तक का रास्ता बंद करना पड़ा।
पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। टेल हिस्से को पेड़ से निकालने के लिए पेड़ की कुछ टहनियों को काटा गया और ट्रक के टायरों की हवा कम करके उसे नीचे लाया गया। काफी मेहनत के बाद फायर ब्रिगेड ने टेल हिस्से को सफलतापूर्वक हटाकर ट्रक को रवाना किया। इस घटना ने ट्रैफिक जाम पैदा किया, लेकिन टीमों की तेजी से की गई कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण में लाया।
विमान दुर्घटना की गंभीरता
यह हादसा 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 की दुर्घटना से जुड़ा है, जो लंदन के गेटविक हवाई अड्डे जा रही थी। इस दुर्घटना में 242 यात्रियों में से केवल एक ब्रिटिश-भारतीय यात्री बचा, जबकि 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिनमें मेघाणीनगर की मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल में रहने वाले डॉक्टर भी शामिल थे। यह घटना भारत के उड्डयन इतिहास की सबसे भयानक दुर्घटनाओं में से एक है।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की खासियत
दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जो 2011 में लॉन्च हुआ एक ईंधन-कुशल और तकनीकी रूप से उन्नत विमान है। यह अपनी बड़ी खिड़कियों और कम केबिन ऊंचाई जैसी सुविधाओं के लिए जाना जाता है। हालांकि, इस दुर्घटना ने बोइंग की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर वैश्विक स्तर पर सवाल उठाए हैं।
जांच और कार्रवाई
दुर्घटना के बाद डीजीसीए (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े की गहन जांच के आदेश दिए हैं और तीन अधिकारियों को हटाने का फैसला किया है। ब्लैक बॉक्स की जांच के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) को भेजने की संभावना भी चर्चा में है।
इस घटना ने एक तरफ दुखद दुर्घटना की याद दिलाई, तो दूसरी तरफ मलबा हटाने की प्रक्रिया के दौरान हुए इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन की तत्परता को भी सामने लाया।