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Thursday, 16 January 2025

हमास और ज़ायोनी सरकार के मध्य युद्ध विराम हो गया इज़राइल ने हमास के सामने धुटने टेके।

हमास और ज़ायोनी सरकार के मध्य युद्ध विराम हो गया इज़राइल ने हमास के सामने धुटने टेके।
ज़ायोनी सरकार और हमास के मध्य बुधवार की रात को युद्ध विराम का समझौता है। इस समझौते के अंतर्गत बंदियों का आदान- प्रदान तीन चरणों में होगा।

ज़ायोनी सरकार ने 15 महीनों तक ग़ाज़ा पट्टी पर भीषण बमबारी की और हमला किया परंतु वह अपने घोषित लक्ष्यों में से किसी एक को भी प्राप्त न कर सकी। ज़ायोनी सरकार ने आरंभ में एलान किया था कि युद्ध से उसके दो मुख्य लक्ष्य हैं एक बंदियों को रिहा कराना और दूसरे हमास को ख़त्म करना परंतु उनमें से कोई एक लक्ष्य भी वह प्राप्त न कर सकी और अंततः बुधवार की रात को उसने हमास के साथ युद्ध विराम कर लिया।  

पार्सटुडे ने अलआलम के हवाले से बताया है कि यह समझौता तीन चरणों पर आधारित है। यह समझौता 19 जनवरी से लागू होगा।

इस्राईल और हमास के मध्य होने वाले समझौते का मत्न व टैक्स्ट इस प्रकार है।

उन सभी इस्राईली बंदियों को छोड़ा जायेगा जिन्हें फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने बंदी बनाया है चाहे वे ज़िन्दा हों या मुर्दा और इसके मुक़ाबले में इस्राईल उन फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा जिनके बारे में सहमति होगी।

बंदियों का आदान- प्रदान युद्ध विराम के पहले दिन आरंभ होगा।

ज़ायोनी सरकार और हमास ने इस युद्धविराम में चार अन्य चीज़ों पर सहमति जताई है। एक शर्त यह है कि युद्ध विराम स्थाई हो। युद्धविराम की दूसरी शर्त यह है कि ज़ायोनी सैनिकों को ग़ज़ा पट्टी से पीछे हटना होगा और तीसरी शर्त ग़ज़ा पट्टी का पुनर्निर्माण है और युद्ध विराम की चौथी शर्त यह है कि पासों को खोलना होगा जिसमें लोग और वाहन आसानी से आवा जाही कर सकें और सहायता सामग्री भी ग़ज़ा पट्टी में पहुंच सके।

तीन चरणों पर आधारित जो समझौता हुआ है उसके मत्न व टैक्स्ट इस प्रकार हैं

युद्ध विराम का पहला चरण 42 दिन का होगाः

दोनों तरफ़ अस्थाई रूप से सैनिक कार्यवाही रोक देंगे और इस्राईल नस्तारिम सहित ग़ज़ा पट्टी के समस्त पूरे क्षेत्रों से पीछे हट जायेगा।

ग़ज़ा पट्टी में दिन में 10 घंटों तक अस्थाई हवाई निरीक्षण का बंद होना व रुकना और जिस दिन बंदियों का आदान- प्रदान होगा उस दिन 12 घंटों तक

बेघर होने वालों का अपने जीवन स्थल पर वापसी और ग़ज़ा पट्टी से ज़ायोनी सैनिकों का निकलना

युद्ध विराम के सातवें दिन(सात ज़ायोनियों की रिहाई के बाद) अतिग्रहणकारी ज़ायोनी सैनिक तटवर्ती मार्ग अर्रशीद से पूरब तक और सलाहुद्दीन मार्ग से पूरी तरह पीछे हट जायेंगे।

इसी तरह इस्राईल इस बात के प्रति वचनबद्ध हुआ है कि इस क्षेत्र में उसने जो सैनिक चौकियां बनाई हैं उन्हें वह पूरी तरह ख़त्म करेगा और इस प्रकार बेघर होने वाले अपने जीवन स्थल पर लौटेंगे। इस प्रकार से कि उनके साथ कोई हथियार नहीं होना चाहिये। पूरी ग़ज़ा पट्टी में लोगों की आवाजाही पूरी तरह आज़ाद होगी और मानवता प्रेमी सहायतायें किसी सीमा के बिना ग़ज़ा पट्टी में आ सकेंगी।

22वें दिन ज़ायोनी सैनिक ग़ज़ा के केन्द्र से पीछे हटेंगे और सैनिक केन्द्र व चौकियों को पूरी तरह ख़त्म कर दिया जायेगा।

युद्ध विराम के पहले दिन से मानवता प्रेमी सहायताओं को ग़ज़ा पट्टी में आने की अनुमति होगी। युद्ध विराम लागू होने के पहले दिन 600 ट्रक ग़ज़ा पट्टी में आयेंगे जिसमें 50 ट्रकों पर ईंधन होंगा। इसी प्रकार ग़ज़ा पट्टी में जो 600 ट्रक आयेंगे उनमें से 300 ट्रक उत्तरी ग़ज़ा के लिए होंगे। इन ट्रकों में उत्तरी ग़ज़ा पट्टी के विद्दुत केन्द्रों, अस्पतालों और व्यापारिक व आबादी के केन्द्रों को दोबारा आरंभ करने के लिए ज़रूरी व आवश्यक सामान होंगे।

बंदियों का आदान- प्रदान

हमास 33 इस्राईली बंदियों को रिहा करेगा। इन बंदियों में महिला सैनिक एवं सैनिक बंदी शामिल नहीं है। इसी प्रकार हमास जिन 33 बंदियों को रिहा करेगा उनकी उम्र 19 साल से कम हो और वे सैनिक न हों। इसी प्रकार हमास जिन 33 लोगों को आज़ाद करेगा उनकी उम्र 50 साल से अधिक हो। वे घायल व बीमार भी न हों।

इसके मुक़ाबले में ज़ायोनी सरकार कुछ फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगी। जिन बंदियों की सूची हमास ने पेश की है उसके दृष्टिगत हमास द्वारा आज़ाद किये गये एक महिला या बच्चे के मुक़ाबले में ज़ायोनी सरकार 30 फ़िलिस्तीनी महिलाओं व बच्चों को आज़ाद करेगी।

इसी प्रकार बंदियों की जो सूची हमास ने पेश की है  उसके दृष्टिगत जब हमास बड़ी उम्र या बीमार ज़ायोनी को आज़ाद करेगा तो हर आज़ादी के बदले इस्राईल बड़ी उम्र के और बीमार 30 फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा।

जब हमास एक इस्राईली महिला सैनिक को आज़ाद करेगा तो उसके बदले में इस्राईल 50 फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा।

यह उस सूची के अनुरूप है जो हमास ने पेश की है। यह उस सूची के अलावा है जिस पर दोनों पक्ष सहमति जतायेंगे। कुछ फ़िलिस्तीनी बंदियों के बारे में (कम से कम 100) दूसरे चरण में वार्ता की जायेगी। उनमें से कुछ आज़ाद कर दिया जायेगा और कुछ को ग़ज़ा पट्टी या उससे बाहर निष्कासित कर दिया जायेगा।

पहले चरण में दोनों पक्षों द्वारा बंदियों के आदान- प्रदान का Mechanism

पहले दिन हमास इस्राईल के तीन आम नागरिकों को रिहा करेगा और सातवें दिन चार अन्य आम नागरिकों को रिहा करेगा। उसके बाद उसके बाद हमास हर हफ़्ते तीन इस्राईली बंधकों को रिहा करेगा। इस्राईली बंधकों की रिहाई महिलाओं से आरंभ होगी।

फ़ैसला यह किया गया है कि समस्त ज़िन्दा इस्राईली बंदियों को मर चुके बंदियों के शवों से पहले आज़ाद किया जाये और छठे सप्ताह में हमास समस्त बंदियों को आज़ाद कर देगा और उसके बदले में इस्राईल उन बंदियों को स्वतंत्र करेगा जिनके बारे में सहमति बन चुकी है। सातवें दिन हमास उन इस्राइली बंदियों के बारे में जानकारी देगा जो इस चरण में आज़ाद किये जायेंगे।

इस्राईल छठे सप्ताह में 47 फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करेगा। यह वह बंदी हैं जिन्हें इस्राईल ने दोबारा गिरफ़्तार कर लिया था।

इस चरण में जिन इस्राईल बंदियों को छोड़ा जाना है अगर उन जीवित बंदियों की संख्या 33 तक न पहुंच पाये तो मरे हुए बंधकों के शवों को लौटाकर यह संख्या पूरी की जायेगी और इसके मुकाबले में ज़ायोनी सरकार उन समस्त बच्चों और महिलाओं को आज़ाद करेगी जिन्हें उसने सात अक्तूबर के बाद ग़ज़ा पट्टी में गिरफ़्तार किया था। एक शर्त के साथ कि उनकी उम्र 19 साल से कम हो और लड़ाके न हों।

इसी प्रकार इस्राईल इस बात के प्रति कटिबद्ध हुआ है कि जिन फ़िलिस्तीनी बंदियों को उसने छोड़ा है दोबारा उन्हें इसी आरोप में गिरफ़्तार नहीं करेगा।

इसी प्रकार इस शर्त पर सहमति हुई है कि स्वतंत्र होने वाले फ़िलिस्तीनी आज़ादी की शर्त के रूप में किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। MM