अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंग्टन पोस्ट ने ग़ज़ा के नस्ली सफ़ाये में ज़ायोनी सरकार और गूगल के मध्य होने वाले सहयोग से पर्दा उठाया है।
वाशिंग्टन पोस्ट ने स्वीकार किया है कि अमेरिकी कंपनी गूगल ने ज़ायोनी सरकार द्वारा ग़ज़ा पट्टी पर हमले के आरंभ से ही इस सरकार को Artificial Intelligence टेक्नालोजी से लैस करना शुरू कर दिया था।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार वाशिंग्टन पोस्ट ने इसी संबंध में एलान किया है कि ज़ायोनी सरकार के युद्धमंत्रालय और गूगल के मध्य सहयोग वर्ष 2021 से आरंभ हो गया है। "वाशिंग्टन पोस्ट" की घोषणा के अनुसार गूगल कंपनी ने इस्राईली सेना के लिए Artificial Intelligence टेक्नालोजी उपलब्ध कराया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर ज़ायोनी सरकार और गूगल के मध्य सहयोग पिछले नवंबर महीने तक जारी था यानी उस समय तक जब ग़ज़ा के अधिकांश भाग इस्राईल के पाश्विक हमलों के कारण तबाह हो गये थे।
समाचार पत्र वाशिंग्टन पोस्ट आगे लिखता है कि गूगल कंपनी के 100 से अधिक कर्मचारियों ने ज़ायोनी सरकार और गूगल कंपनी के मध्य होने वाले सहयोग पर पुनर्विचार करने की मांग की है परंतु गूगल कंपनी ने उनकी मांगों की अनदेखी व उपेक्षा कर दी।
मौजूद प्रमाण इस बात के सूचक हैं कि इस्राईली सेना गूगल कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली आधुनिकतम तकनीक से लाभ उठा रही है।
1.2 अरब डा᳴लर मूल्य का एक समझौता हुआ है जिसके अनुसार अमेरिकी कंपनी गूगल ज़ायोनी सरकार को आधुनिकतम तकनीक से लैस करती है परंतु इस समझौते पर आपत्ति जताने वाले अपने कुछ कर्मचारियों को पहले ही गूगल निकाल चुकी है। MM