साल 2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते अपने सबसे ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश की संसद में बयान दिया था कि कनाडा के पास इस अपराध में भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के 'ठोस सबूत' हैं. हालांकि भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कनाडा से सबूतों की मांग की थी.
इन आरोपों को लेकर भारत और कनाडा के बीच संबंध इतने नाजुक स्तर पर चले गए कि साल 2024 में दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल दिया.
यह कदम तब उठाया गया जब कनाडा ने निज्जर मामले में संजय कुमार वर्मा समेत छह भारतीय राजनयिकों और उच्चायोग अधिकारियों को 'पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट' बताया था.
'पर्सन्स ऑफ़ इंटरेस्ट' उसे कहा जाता है जिसको लेकर जांचकर्ता मानते हैं कि उस शख़्स को किसी अपराध की महत्वपूर्ण जानकारी है.
इतना ही नहीं कनाडा के विदेश उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने दावा किया कि कनाडाई नागरिकों को धमकी देने या हत्या करने की मंजूरी भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने दी थी. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को 'निराधार' बताया है.