अमेरिका में लाखों लोग भीषण बर्फ़ीले तूफ़ान से निपटने की तैयारी कर रहे हैं. इस तूफ़ान के कारण यहां पिछले एक दशक में सबसे भारी बर्फबारी हो सकती है और पारा तेज़ी से गिर सकता है.
अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा (एनडब्ल्यूएस) के मुताबिक़, अमेरिका के केंद्रीय हिस्से में शुरू हुआ ये बर्फ़ीला तूफ़ान आने वाले वक्त में पूर्व की तरफ रुख़ करेगा.
माना जा रहा है कि यह तूफ़ान रविवार को मध्य अमेरिका और मध्य-पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ेगा और शाम तक मध्य अटलांटिक क्षेत्र तक पहुंच जाएगा.
इसके मद्देनज़र अब तक अमेरिका के पांच राज्यों- केंटकी, वर्जीनिया, कन्सास, अर्कांसास और मिसोरी में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है.
इस तूफ़ान के अमेरिका के पूर्वी हिस्से की ओर बढ़ने की आशंका के कारण कुल 30 राज्यों में मौसम संबंधी चेतावनी जारी की गई है.
एक्यूवेदर के मौसम वैज्ञानिक डैन डेपोडविन ने कहा, "तूफ़ान की वजह से 2011 के बाद से अमेरिका में सबसे ठंडी जनवरी हो सकती है."
ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटअवेयर के अनुसार, रविवार को अमेरिका में 2,000 से अधिक उड़ानें देर से चल रही हैं और 1,500 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.
कन्सास सिटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ने वाली फ्लाइट्स सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई हैं, यहां की 86 फ़ीसद उड़ानों को रद्द किया जा चुका है.
मौसम विभाग की चेतावनी
साथ ही मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के केंद्रीय हिस्से में इस कारण आम जन जीवन बाधित हो सकता है. यहां कई जगहों पर सड़कों को बंद कर दिया गया है और लोगों को ड्राइव करने को लेकर सावधानी बरतने को कहा है.
चेतावनी दी गई है कि तूफ़ान के कारण विज़िबिलिटी काफी कम हो सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान 40 मील प्रति घंटे (64 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ़्तार से तेज हवाएं चलेंगी.
अगले कुछ दिनों में मध्य कन्सास के कुछ हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है. दक्षिण-मध्य कन्सास के एक प्रमुख शहर विचिटा में एनडब्ल्यूएस की शाखा के मुताबिक़ यहां माइनस 29 डिग्री सेल्सियस और इससे कम तापमान की हवाएं चलने की संभावना है.
वहीं सोमवार की सुबह रसेल और सलीना शहरों में सबसे ठंडी हवाएं महसूस की जा सकती है.
एनडब्ल्यूएस ने कहा है कि इस दौरान कम से कम 15 इंच (38.1 सेंटीमीटर) बर्फ़बारी का अनुमान है. यह बीते एक दशक में सबसे भारी बर्फबारी होगी.
एनडब्ल्यूएस ने कहा है कि मंगलवार सुबह तक तूफ़ान थम जाएगा.