इस्लामी गणतंत्र ईरान की वायुसेना के कमांडर ने कहा है कि H-3 जैसी वायु सेना की कार्यवाही वायुसेना के अनुभवी कमांडरों और चालकों के विवेक का नतीजा थी और दुनिया में जटिलतम और आश्चर्यजनक कार्यवाही इस बात का कारण बनी कि इतिहास में उसे ईरान के नाम दर्ज किया जाये।
इस्लामी गणतंत्र ईरान की वायुसेना के कमांडर अमीर ब्रिगेडियर जनरल हमीद वाहिदी ने दुश्मन की वायु क्षमता को नष्ट करने में ईरान की वायुसेना की भूमिका की ओर संकेत करते हुए कहा कि जब इराक़ की बासी सरकार ने पहली बार ईरानी भूमि पर हवाई हमला किया तो ईरान की वायुसेना ने तुरंत बासी सरकार के सैनिक केन्द्रों, तेल प्रतिष्ठानों और बासी सरकार के महत्वपूर्ण स्थानों व केन्द्रों पर हमला किया।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिगेडियर जनरल वाहिदी ने कहा कि ईरान की वायुसेना ने विभिन्र और महत्वपूर्ण कार्यवाहियों को अंजाम दिया है परंतु वास्तव में H शीर्षक के अंतर्गत जो कार्यवाही अंजाम दी गयी और उसमें वायुसेना के 300 से अधिक विमानों ने भाग लिया वह अद्वितीय है और उस कार्यवाही की मदद से ईरान की वायुसेना दुश्मन की भूमि में हज़ारों किलोमीटर अंदर घुस गयी और उसने बासी सरकार के महत्वपूर्ण केन्द्रों को तबाह कर दिया।
ब्रिगेडियर जनरल वाहिदी ने वायुसेना के पाइलेटों की होशियारी और उच्च क्षमता व योग्यता की ओर संकेत करते हुए बल देकर कहा कि "अमलियाते 140 फ़रवंदी 3" शीर्षक के अंतर्गत अंजाम दी जाने वाली कार्यवाही में आठ फ़ैन्टम जेट विमानों ने भाग लिया और राडार इन जेट विमानों का पता न लगा सका और उन्होंने बहुत नीची उड़ान भरकर तीन बार से अधिक हवा में ईंधन भरा और जार्डन की सीमा के निकट इराक़ की बासी सरकार के तीन ठिकानों और दुश्मन के 50 से अधिक युद्धक विमानों को नष्ट कर दिया। MM