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Wednesday, 8 January 2025

कनाडा को अमेरिका वाक़ई अपने में मिला लेगा, क्या यह संभव है?

कनाडा को अमेरिका वाक़ई अपने में मिला लेगा, क्या यह संभव है?
कनाडा और अमेरिका पड़ोसी देश हैं लेकिन ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से तनाव बढ़ता दिख रहा है
कनाडा अमेरिका से क्षेत्रफल में एक लाख 51 हज़ार 150 वर्ग किलोमीटर बड़ा है. दूसरी तरफ़ अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा को अमेरिका का 51वाँ राज्य बनाना चाहते हैं.

अगर ऐसा होता है तो अमेरिका का 51वाँ राज्य क्षेत्रफल के मामले में संपूर्ण मौजूदा अमेरिका से बड़ा होगा.

कनाडा नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन यानी नेटो का संस्थापक सदस्य देश है. नेटो दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में बना था. नेटो ने बनने के बाद घोषणा की थी कि उत्तरी अमेरिका या यूरोप के सदस्य देशों में से किसी एक पर हमला होता है तो उसे संगठन में शामिल सभी देश अपने ऊपर हमला मानेंगे. नेटो में शामिल हर देश एक-दूसरे की मदद करेंगे.

लेकिन अब नेटो के संस्थापक देश अमेरिका दूसरे संस्थापक देश कनाडा को ख़ुद में मिलाने की बात कर रहा है.

दरअसल, ट्रंप यह नहीं कह रहे हैं कि वह कनाडा को जबरन अमेरिका में मिला देंगे, बल्कि वहाँ के नेताओं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए.
दोनों देशों के बीच खुली सरहद है, लेकिन ट्रंप की शिकायत रही है कि कनाडा के ज़रिए अमेरिका में अवैध प्रवासियों की बाढ़ आ गई है

दोनों देश कैसे एक हो सकते हैं?

दोनों देशों को एक होना है तो इसकी क़ानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया होगी. कनाडा की न्यूज़ वेबसाइट टोरंटो स्टार ने लिखा है, बुनियादी मुद्दा यह है कि कनाडा में संवैधानिक रूप से राजशाही है और अमेरिका गणतंत्र है.

टोरंटो स्टार से हाउस ऑफ कॉमन्स और इलेक्शन्स कनाडा में लीगल काउंसल रहे ग्रेगरी थार्डी ने कहा, ''अगर आप राजशाही को गणतंत्र में बदलना चाहते हैं तो इस पर किंग के ऑफिस से डील करनी होगी. इस मामले को कनाडा एक्ट ऑफ 1982 के सेक्शन 41 के तहत देखना होगा. इसके लिए संविधान संशोधन करना होगा और पूरी व्यवस्था बदलनी होगी.''

टोरंटो स्टार से कनाडाई फोर्सेज कॉलेज में डिफेंस स्टडीज़ के प्रोफ़ेसर ऐडम चैपनिक ने कहा, ''सच कहिए तो मुझे नहीं लगता है कि यह संभव है. वो भी तब जब कनाडा के ज़्यादातर लोग अमेरिका में शामिल होने के ख़िलाफ़ हैं. अगर इसे लेकर दोनों देश वाक़ई गंभीरता से सोचेंगे तो इसमें सालों नहीं तो महीनों लगेंगे. मुझे नहीं लगता है कि अमेरिका की यह प्राथमिकता है. मुझे लगता है कि यह खिल्ली उड़ाने से ज़्यादा नहीं है.''

अमेरिका वाक़ई इसे लेकर गंभीर है तो शुरुआत उसे ही करनी होगी. उसे नया राज्य जोड़ने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी. इस मामले में अमेरिकी कांग्रेस ही केवल फ़ैसला ले सकती है.

वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर मैथ्यू लेबो ने टोरंटो स्टार से कहा, ''अमेरिका में एक नए राज्य को जोड़ने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट दोनों से प्रस्ताव पास कराना होगा. दोनों सदनों से प्रस्ताव पास कराने के लिए महाबहुमत की ज़रूरत होगी.''

हालांकि सामान्य तौर पर अमेरिकी क्षेत्र ही नया राज्य बनता है. जैसे पुएर्तो रिको या यूएस वर्जिन आईलैंड्स. यहाँ के लोग अमेरिकी नागरिक तो हैं लेकिन राज्य का दर्जा नहीं मिला है. दशकों से रिको में स्टेटहुड को लेकर राजनीतिक विवाद रहा है.

लेबो कहते हैं कि अगर कनाडा या इसका एक हिस्सा अमेरिका में शामिल होना चाहता है और अमेरिकी कांग्रेस इसके लिए तैयार है, तब भी मुझे नहीं लगता है कि कनाडा की सरकार इसकी अनुमति देगी. अतीत में स्टेटहुड एक ख़ूनी प्रक्रिया रही है. अमेरिका ने टेक्सस को मेक्सिको से लिया था तो चार सालों तक संघर्ष हुआ था और इसमें हज़ारों लोगों की जान गई थी.