तीन साल पहले रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था उसके बाद से यह पहली ऐसी वार्ता है जिसमें आमने सामने की मीटिंग हो रही है.
इस वार्ता में रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो शामिल हैं.
हालांकि इस मीटिंग में यूक्रेन या यूरोप से कोई भी आमंत्रित नहीं किया गया है.
बीबीसी संवाददाता टॉम बेटमैन के अनुसार, मीटिंग शुरू होने के पहले दोनों पक्षों में चुप्पी थी. जब मैंने रूबियो से पूछा कि क्या अमेरिका यूक्रेन को दरकिनार कर रहा है, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
अमेरिका का कहना है कि यह वार्ता ये जानने का पहला क़दम है कि क्या रूस युद्ध ख़त्म करने के लेकर गंभीर है, जबकि रूस का कहना है कि उसे अमेरिका के साथ संबंध सामान्य होने की उम्मीद है.
लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि बिना यूक्रेन को शामिल किए किसी भी समझौते को उनका देश स्वीकार नहीं करेगा.
यूरोपीय नेता भी वार्ता में शामिल होना चाहते हैं और सोमवार को उन्होंने एक इमरजेंसी बैठक की थी.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा कि स्थाई शांति समझौते की स्थिति में वह ब्रिटिश सैनिकों को यूक्रेन भेजने पर विचार करेंगे, हालांकि अभी तक अन्य देश उदासीन रहे हैं.