पेंटागन के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ज़ायोनी शासन को 6.75 बिलियन डॉलर मूल्य की मिसाइलों, गोला-बारूद और अन्य उपकरणों (गाइडेड किट) की संभावित बिक्री पर सहमत हुआ है।
एक्सियोस वेबसाइट ने घोषणा की कि इज़राइल के साथ अमेरिकी हथियार सौदे में लगभग 18 हज़ार बम शामिल हैं, जिनकी डिलीवरी 2025 में शुरू होगी। पार्सटुडे के मुताबिक, इस कांट्रेक्ट में तीन हजार "हेलफ़ायर" मिसाइलें भी शामिल हैं, जिनकी डिलीवरी 2028 में होनी है।
हेलफ़ायर मिसाइल (एजीएम-114 हेलफायर) एक हवा से जमीन पर मार करने वाली गाइडेड मिसाइल है जिसका उपयोग मुख्य रूप से अमेरिकी सशस्त्र बलों और उसके सहयोगियों द्वारा बख्तरबंद वाहनों, किलेबंदी और यहां तक कि हिलते डुलते टारगेट्स को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
कुछ जानकार सूत्रों ने पहले घोषणा की थी कि ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस से ज़ायोनी शासन को एक अरब डॉलर की राशि में नए हथियार बेचने की योजना को मंज़ूरी देने के लिए कहा है।
जर्मन अखबार बिल्ड ने यह भी रिपोर्ट दी कि अमेरिका जल्द ही इज़राइल को "जीबीयू-43/बी मैसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट बम" (GBU-43/B Massive Ordnance Air Blast bomb) देगा जिसे "मदर्स आफ़ बम्स" के रूप में जाना जाता है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा कि जब तक अमेरिका ज़ायोनी शासन को हथियार और अन्य सैन्य सहायता प्रदान करता रहेगा, तब तक वह ज़ायोनी शासन के मानवाधिकारों के उल्लंघन में भागीदार रहेगा।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 के बाद से अमेरिका ने ज़ायोनी शासन को अभूतपूर्व सैन्य सहायता दी और भारी हथियार बेचे हैं। ग़ज़ा में खुलेआम युद्ध अपराध करने के लिए ज़ायोनी सेना द्वारा बार-बार अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल के बावजूद अमेरिकी सरकार हथियारों का हस्तांतरण जारी रखे हुए है। (AK)