ग़ज़ा की जनता को फिर से बसाने के लिए इज़राइलियों ने एक स्पेशल संस्था की स्थापना की, अप्रत्यक्ष क़त्लेआम की ओर बढ़ रहे ज़ायोनी
इज़राइल रेडियो और टेलीविज़न संगठन ने एलान किया है कि इज़राइल की सेना दक्षिणी लेबनान से हट गई है।
हिज़्बुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौते के आधार पर दक्षिणी लेबनान से ज़ायोनी सैनिकों की वापसी की समय सीमा आज मंगलवार सुबह समाप्त हो गई।
इज़राइल रेडियो और टेलीविज़न संगठन ने सोमवार रात एलान किया कि इज़राइल की सेना दक्षिणी लेबनान से उन पांच प्वाइंट्स को छोड़कर वापस चली गई है जिनकी उसने पहले घोषणा की थी।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल की सेना ने "मिस अल-जबल" शहर को लेबनानी सेना को सौंप दिया और लेबनानी सेना दक्षिणी लेबनान के इस शहर में प्रवेश कर गई।
इज़राइल के 24 टीवी चैनल के मुताबिक, इज़राइली सेना ने कहा है कि उसके सैनिक दक्षिणी लेबनान में पांच प्वाइंट्स पर रहेंगे। इज़राइल ने लितानी नदी के दक्षिण में किसी भी प्रकार की हिज़्बुल्लाह की गतिविधियों की निगरानी करने को इस निर्णय की वजह क़रार दिया है।
दूसरी ओर लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने कहा, लेबनान के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा, लेबनानी क्षेत्र से इज़राइली दुश्मन की वापसी है, क्योंकि यह दुश्मन विश्वसनीय नहीं है और हमें चिंता है कि यह लेबनान से पूरी तरह से पीछे नहीं हटेगा।
ग़ज़ा निवासियों को निकालने की तैयारी
दूसरी खबर यह है कि ज़ायोनी शासन के युद्ध मंत्री येसराइल काट्ज़ ने ग़ज़ा पट्टी के निवासियों को निकालने के लिए इज़राइल के युद्ध मंत्रालय में एक विशेष विभाग बनाने की सूचना दी है।
ज़ायोनी शासन के सुरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ज़ायोनी शासन के अन्य मंत्रालयों और सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि इस कार्यालय में हाज़िर रहेंगे।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने विवादास्पद बयानों में ग़ज़ा पट्टी को पूरी तरह से खाली करने और जॉर्डन और मिस्र में फिलिस्तीनियों को जबरन बसाने की मांग की थी।
इस बीच, जॉर्डन नरेश अब्दुल्लाह द्वितीय ने सोमवार रात एक भाषण में ग़ज़ा पट्टी से फिलिस्तीनियों को जबरन निकालने की ट्रम्प की योजना का विरोध करते हुए कहा: फिलिस्तीनी मुद्दे पर जॉर्डन की स्थिति और जबरन निकालने, बस्तियों के निर्माण और फिलिस्तीनी जनता के लिए एक वैकल्पिक मातृभूमि का विरोध दृढ़ और मज़बूत है।
ग़ज़ा की दुर्दशा
ग़ज़ा समाचार की रिपोर्ट है कि ग़ज़ा पट्टी में युद्धविराम के उल्लंघन के बाद इज़राइली युद्धक विमानों ने ग़ज़ा पट्टी के केंद्र में नुसैरत कैंप के उत्तर-पश्चिम में स्थित अल-रशीद स्ट्रीट पर एक नागरिक वाहन को निशाना बनाया। ताज़ा आंकड़ों में, ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि 7 अक्टूबर, 2023से ग़ज़ा पट्टी के शहीदों की संख्या 48284 लोगों तक पहुंच गई है जबकि घायलों की संख्या 1 लाख 11 हज़ार 709 हो गई है।
इस संबंध में, ग़ज़ा में अल-शेफा अस्पताल के प्रमुख मोहम्मद अबू सल्मिया ने चिकित्सा उपकरणों की गंभीर कमी के कारण अस्पतालों की दयनीय स्थिति के बारे में चेतावनी दी और कहा: ज़ायोनी शासन ने लड़ाकू विमानों और रॉकेटों का उपयोग करके सीधे क़त्लेआम को तो रोक दिया है, लेकिन यह ग़ज़ा पट्टी, विशेष रूप से ग़ज़ा शहर और इसके उत्तर में अस्पतालों में उपकरणों को प्रवेश करने से रोककर अप्रत्यक्ष रूप से नरसंहार का सिलसिला जारी रखे हुए है जबकि हक़ीक़त यह है कि ये इलाक़े इंसानी प्रोटोकॉल में शामिल हैं।