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Saturday, 12 April 2025

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद तमिलनाडु में राज्यपाल की मंज़ूरी के बिना 10 विधेयक बने क़ानून

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद तमिलनाडु में राज्यपाल की मंज़ूरी के बिना 10 विधेयक बने क़ानून
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्यपाल

सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले के बाद तमिलनाडु सरकार ने दस विधेयकों को अधिसूचित कर दिया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल किसी विधेयक को लंबे समय तक अपने पास रोककर नहीं रख सकते.

विधेयकों के अधिसूचित होने के बाद ये अब क़ानून बन गए हैं. अधिसूचना में बताया गया है कि ये क़ानून 18 नवंबर 2023 से लागू माने जाएंगे.

संबंधित संशोधन विधेयक 19 अक्तूबर, 2022 को तमिलनाडु विधानसभा में पारित कर राज्यपाल की मंज़ूरी के लिए भेजे गए थे.

क़रीब एक साल बाद 13 नवंबर 2023 को राज्यपाल ने इन विधेयकों को मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.

इसके बाद 18 नवंबर 2023 को ये विधेयक दोबारा सदन में पारित कर राज्यपाल के पास भेजे गए. राज्यपाल ने इसे 28 नवंबर 2023 को राष्ट्रपति के पास भेज दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में हाल ही में कहा था, “विधेयक राज्यपाल (तमिलनाडु के राज्यपाल) के पास लंबे समय से लंबित थे. राज्यपाल ने सद्भावनापूर्ण तरह से काम नहीं किया.”

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने इस मामले में आठ अप्रैल को सुनवाई की थी.

ये पूरा आदेश सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया. इसमें कहा गया है कि राज्यपाल अगर राष्ट्रपति को कोई विधेयक विचार करने के लिए भेजते हैं तो उन्हें तीन महीने में इस पर फ़ैसला लेना होगा.