दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार में क़ानून मंत्री कपिल मिश्रा के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल होने के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं.
कपिल मिश्रा पर इन दंगों में शामिल होने का आरोप है. अदालत ने यह निर्देश दिया है कि इस मामले में आगे की जांच की जाए.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अदालत ने कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ कराए जाने के आवेदन को स्वीकार कर लिया.
कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने जो सामग्री उपलब्ध कराई है, उसके मुताबिक इस बात की पुष्टि हुई है कि कर्दमपुरी इलाक़े में कपिल मिश्रा मौजूद थे. यह एक संज्ञेय अपराध है, जिसकी जांच की जानी चाहिए.
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कपिल मिश्रा पर लगे आरोपों की जांच किए जाने और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ किए जाने की मांग को लेकर टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, “2020 के दंगे सब लोगों ने देखे हैं, और कपिल मिश्रा ने जो बयान दिए, और जिस तरह से दंगे भड़काए, वो सब लोगों ने देखा है. ये टीवी पर है. वीडियो में है. पुलिस के सामने भी है.”
“पांच साल तक पुलिस ने उन पर कोई मुक़दमा दर्ज़ नहीं किया. अब कोर्ट के आदेश पर उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ हुई है. ये दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात है.”
“कपिल मिश्रा को एक भी दिन मंत्री रहने का अधिकार नहीं है. उनको तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए.”