इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने कतर में स्थित अपने प्रमुख सैन्य अड्डे, अल उदेद एयर बेस, से चुपके से सैन्य विमानों को हटाना शुरू कर दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों और फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि अमेरिका ने संभावित ईरानी हमलों से अपने रणनीतिक सैन्य संसाधनों को बचाने के लिए यह कदम उठाया है।
प्लैनेट लैब्स PBC द्वारा 5 जून से 19 जून के बीच जारी सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि मध्य-पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा एयर बेस, अल उदेद, लगभग खाली हो चुका है। 5 जून को इस बेस पर करीब 40 विमान खड़े थे, जिनमें C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट विमान और अत्याधुनिक टोही जेट शामिल थे। लेकिन 19 जून तक केवल तीन विमान ही बचे थे, बाकी को अमेरिका ने हटा लिया है।
ईरान के जवाबी हमले का डर, अमेरिकी सैनिक हाई अलर्ट पर
मध्य-पूर्व में अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है। सैन्य परिवारों को संभावित ईरानी जवाबी कार्रवाई के खिलाफ सावधानी के तौर पर स्वेच्छा से सैन्य अड्डे छोड़ने का विकल्प दिया गया है। वर्तमान में मध्य-पूर्व में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो सामान्य 30,000 की संख्या से काफी अधिक है। पिछले साल अक्टूबर में, जब हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हमले किए थे, तब यह संख्या 43,000 तक पहुंच गई थी। पेंटागन ने इस बार सैन्य तैनाती पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह जरूर कहा है कि सैनिक किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।
इस बीच, अमेरिकी दूतावास ने कतर में अपने कर्मियों और नागरिकों को क्षेत्रीय तनाव के कारण "अतिरिक्त सतर्कता" बरतने की सलाह दी है और अल उदेद बेस तक पहुंच को सीमित कर दिया है। यह कदम अमेरिका की रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह अपने सैन्य संसाधनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है।