कगुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी के विमान हादसे में निधन पर उनकी आत्मा की शांति के लिए मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उनकी अंतिम क्रिया के लिए उनकी बेटी ब्रिटेन से और बेटा अमेरिका से आ चुके हैं। यह दुखद घटना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है।
विजयभाई रूपाणी एक समर्पित नेता थे, जिन्होंने गुजरात के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2016 से 2021 तक अपने कार्यकाल में उन्होंने औद्योगिक विकास, सामाजिक समानता और जनकल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा दिया। उनकी सादगी, शांत स्वभाव और जनसेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।
लेकिन इस दुखद घटना के साथ एक कड़वा सच भी सामने आता है। देश में विकास, राष्ट्रवाद और विश्वगुरु की बातें करने वाले कई नेता अपने बच्चों को विदेशों में बसाने में लगे हैं। यह एक ऐसी हकीकत है, जिसे हमें गंभीरता से समझना होगा। एक ओर हम भारत को वैश्विक मंच पर शक्तिशाली बनाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे कुछ नेताओं के बच्चे विदेशों में जीवन यापन कर रहे हैं। यह विडंबना न केवल विचारणीय है, बल्कि समाज में एक गहरे सवाल को जन्म देती है कि क्या हमारा विश्वास और कर्म एक ही दिशा में हैं?
विजयभाई रूपाणी का जाना निस्संदेह एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। लेकिन इस दुख के बीच, हमें उस सत्य पर भी विचार करना चाहिए जो हमारे समाज और नेतृत्व की प्राथमिकताओं को उजागर करता है।